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गठिया के दर्द से राहत: रूमेटोलॉजिस्ट परामर्श और सही उपचार से संभव

विशेषज्ञों ने विश्व गठिया रोग दिवस पर पेशेंट अवेयरनेस कैंपेन के तहत बताया इलाज के तरीके

भोपाल। गठिया एक क्रोनिक बीमारी है, जिसे ब्लड प्रेशर और शुगर की तरह लंबे समय तक दवाओं की जरूरत होती है। हालांकि, विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह और सही उपचार से गठिया के दर्द से राहत पाई जा सकती है, जिससे मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं। विश्व गठिया रोग दिवस के मौके पर आयोजित पेशेंट अवेयरनेस कैंपेन में रूमेटोलॉजिस्ट डॉ. अरुण तिवारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि अधिकतर मरीजों को यह पता ही नहीं होता कि गठिया का इलाज करने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक, जिन्हें रूमेटोलॉजिस्ट कहा जाता है, भी होते हैं। गलत जानकारी के कारण मरीज लंबे समय तक हड्डी रोग विशेषज्ञ से इलाज कराते रहते हैं और जब दर्द में सुधार नहीं होता, तो इसे लाइलाज मान लेते हैं। जागरूकता बढ़ाना जरूरी है कि ऑटो इम्यून बीमारियों जैसे गठिया के इलाज के लिए रूमेटोलॉजिस्ट की सलाह महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम में लुपस और अन्य गठिया रोगों से पीड़ित मरीजों ने भी अपनी कहानियां साझा कीं, जिनमें उन्होंने बताया कि सही इलाज से वे दर्द मुक्त जीवन जी रहे हैं।

ऑटोइम्यून गठिया और इसके लक्षण

डॉ. तिवारी ने बताया कि गठिया के कई प्रकार होते हैं। कुछ गठिया रोग उम्र बढ़ने के साथ जोड़ों के घिसाव के कारण होते हैं, जिन्हें ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है। वहीं, कुछ ऑटोइम्यून बीमारियां होती हैं, जैसे रूमेटोइड आर्थराइटिस, एंकीलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, लुपस, शोग्रेन सिंड्रोम, और स्क्लेरोडर्मा। इनमें वजन नियंत्रण, व्यायाम, और दवाओं से राहत मिलती है। पुरुषों में आमतौर पर कमर दर्द से गठिया की शुरुआत होती है, जबकि महिलाओं में कलाई और हाथ के जोड़ों में यह समस्या पहले उभरती है।

गठिया के सामान्य लक्षण:

जोड़ों में दर्द और सूजन

जकड़न

जोड़ों को घुमाने में कठिनाई

प्रभावित स्थान पर लालिमा और गर्माहट

कमजोरी और थकावट

सुबह उठने पर अकड़न

हड्डियों में बुखार का एहसास

मुँह में छाले और धूप से एलर्जी


गठिया से जुड़ी भ्रांतियां और तथ्य:

भ्रांति: गठिया लाइलाज है।
तथ्य: समय पर सही उपचार से गठिया का निदान संभव है।

भ्रांति: सभी गठिया एक जैसे होते हैं।
तथ्य: 100 से अधिक प्रकार के गठिया रोग हैं।

भ्रांति: गठिया केवल वृद्धावस्था का रोग है।
तथ्य: गठिया किसी भी उम्र में हो सकता है।

भ्रांति: गठिया की दवाओं से किडनी खराब हो जाती है।
तथ्य: पेन किलर दवाओं के अनियंत्रित उपयोग से किडनी खराब होती है, गठिया की दवाओं से नहीं।


गठिया से राहत के लिए खानपान और जीवनशैली में बदलाव:

पौष्टिक और संतुलित आहार लें।

धूम्रपान और शराब से बचें।

नियमित व्यायाम करें।

8 घंटे की नींद लें।

मानसिक तनाव से दूर रहें।


रूमेटोलॉजिस्ट की सलाह और नियमित उपचार से गठिया के मरीज दर्द से राहत पाकर सामान्य जीवन जी सकते हैं। विशेषज्ञ की सलाह के बिना दवाएं बंद न करें और समय पर परामर्श लें।

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