ढाका । बांग्लादेश में अराजकता का माहौल एक बार फिर गहराता दिख रहा है। गुरुवार रात ढाका स्थित जातिया पार्टी के दफ्तर पर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने हिंसक हमला कर दिया, जिसमें उन्होंने भारी तोड़फोड़ की और दफ्तर को आग के हवाले कर दिया।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि जातिया पार्टी के कार्यकर्ताओं ने 5 अगस्त से पहले प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर बर्बरता से अत्याचार किया था। इसी को लेकर गुस्से में भरे लोग रात को जातिया पार्टी के दफ्तर के बाहर इकट्ठा हुए और जमकर नारेबाजी करने लगे। कुछ ही देर बाद भीड़ ने दफ्तर में घुसकर तोड़फोड़ की और आग लगा दी। आग इतनी तेज़ी से फैली कि दमकल विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही पूरा दफ्तर जलकर राख हो गया।
जातिया पार्टी के संस्थापक हुसैन मोहम्मद इरशाद, जो पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की समर्थक पार्टी के नेता थे और बांग्लादेश के सेना के प्रमुख रह चुके हैं, की अनुपस्थिति में पार्टी पर यह हमला हुआ। हमले के दौरान पुलिस की अनुपस्थिति ने स्थिति को और गंभीर बना दिया, जिससे प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ गया।
हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन इस घटना के पीछे शेख हसीना के विरोधियों का हाथ माना जा रहा है। प्रदर्शनकारियों ने जातिया पार्टी को ‘गद्दार’ का तमगा दिया और कहा कि उन्हें उनके अत्याचारों के लिए सजा मिलनी चाहिए।
इससे पहले भी बांग्लादेश में अशांति का माहौल देखा गया है, जब राष्ट्रपति के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। एक संगठन ने राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की थी, खासकर उस इंटरव्यू के बाद जिसमें उन्होंने कहा कि शेख हसीना का इस्तीफा पत्र उनके पास नहीं आया है। इस टिप्पणी ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया, जिससे राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध की लहर तेज हो गई।