नई दिल्ली । राष्ट्रीय खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा लगाए गए 9.7 लाख रुपये के जुर्माने पर आपत्ति जताई है। SEBI ने यह जुर्माना महिला स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति में देरी और अन्य अनुपालन नियमों के उल्लंघन के कारण लगाया है।
क्या है मामला?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तिमाही के लिए SEBI विनियमों के उल्लंघन पर CIL पर 9.7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
आरोप है कि CIL ने अपने बोर्ड में महिला स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति नहीं की, जो SEBI के नियमों का उल्लंघन है। SEBI (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशन, 2015 के तहत यह जुर्माना लगाया गया है।
कोल इंडिया का बचाव – सरकार के नियंत्रण में है नियुक्ति प्रक्रिया
कोल इंडिया लिमिटेड ने SEBI के इस जुर्माने को अनुचित बताया और कहा कि यह कंपनी की किसी विफलता या लापरवाही का परिणाम नहीं है। CIL ने दावा किया कि बोर्ड में महिला स्वतंत्र निदेशक सहित अन्य स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार उनके हाथ में नहीं है।
कंपनी ने कोयला मंत्रालय से लगातार इस विषय पर फॉलोअप किया है, क्योंकि CIL एक सरकारी उपक्रम है और बोर्ड नियुक्तियों का निर्णय सरकार लेती है। CIL ने कहा कि वह योग्यता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
SEBI से बकाया माफ करने की मांग
CIL ने SEBI से अनुरोध किया है कि इस जुर्माने को माफ किया जाए क्योंकि यह उनके नियंत्रण से बाहर की स्थिति के कारण लगा है।कंपनी का कहना है कि यह पूरी तरह सरकारी प्रक्रिया से जुड़ा मामला है, जिसमें CIL का कोई सीधा दखल नहीं है।
अगले कदम और बाजार पर असर
कोल इंडिया का यह बयान निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि SEBI के नियमों के पालन में किसी भी तरह की देरी शेयर बाजार में कंपनी की छवि को प्रभावित कर सकती है। CIL ने कहा कि वह कोयला मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों के साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए लगातार संपर्क में है।
कोल इंडिया लिमिटेड ने सेबी के जुर्माने पर दी सफाई, कहा – बकाया माफ किया जाए
