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डालमिया भारत ने लॉन्च की ‘शटल बाय डालमिया’ बैडमिंटन अकादमी, भारतीय खेलों को मिलेगा नया आयाम

भुवनेश्वर, : ओडिशा के कलिंगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में एक भव्य समारोह के दौरान ‘डालमिया भारत पुल्लेला गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी’ का उद्घाटन किया गया। इस हाई-परफॉर्मेंस सेंटर (HPC) ‘शटल बाय डालमिया’ का शुभारंभ ओडिशा के माननीय मुख्यमंत्री श्री मोहन चरण मांझी और असम के मुख्यमंत्री डॉ. हेमंता बिस्वा सरमा ने किया। कार्यक्रम में भारत के मुख्य राष्ट्रीय कोच पुल्लेला गोपीचंद और डालमिया भारत के प्रबंध निदेशक श्री पुनीत डालमिया भी शामिल हुए।

अकादमी की खासियत और उद्देश्य

यह अकादमी ओडिशा सरकार, पुल्लेला गोपीचंद बैडमिंटन फाउंडेशन (PGBF) और डालमिया भारत समूह की साझेदारी का परिणाम है। 77,000 वर्ग फीट में फैली इस विश्वस्तरीय सुविधा में:

8 बैडमिंटन कोर्ट

400 दर्शकों की क्षमता

50 खिलाड़ियों के लिए आधुनिक आवासीय सुविधाएं

अत्याधुनिक जिम और सभागार

छत पर 360-डिग्री व्यूइंग रिंग


यह सुविधा युवा खिलाड़ियों के समग्र विकास के लिए डिज़ाइन की गई है और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करेगी।

डिज़ाइन और स्थिरता में अनोखापन

इस अकादमी का वास्तुशिल्प शटलकॉक से प्रेरित है, जो इसे भारत में अद्वितीय बनाता है। इसके निर्माण में टिकाऊ विकास को प्राथमिकता दी गई है:

लो कार्बन (ग्रीन) सीमेंट का उपयोग

वर्षा जल संचयन और भूजल रिचार्ज

ऊर्जा-कुशल LED लाइटिंग

उल्टे शेल डिज़ाइन से बिजली की खपत कम

वायुगतिकीय संरचना, जिससे वायु प्रवाह बेहतर होता है


डालमिया भारत की प्रतिबद्धता

डालमिया भारत के प्रबंध निदेशक श्री पुनीत डालमिया ने कहा,
“यह अकादमी न केवल खिलाड़ियों को विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करेगी, बल्कि भारत को बैडमिंटन में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग भी प्रशस्त करेगी। ओडिशा सरकार और पुल्लेला गोपीचंद के सहयोग से यह प्रयास हमारे देश में खेल संस्कृति को मजबूत करेगा।”

गोपीचंद की प्रतिक्रिया

श्री पुल्लेला गोपीचंद ने कहा,
“यह अकादमी भारतीय बैडमिंटन के भविष्य को आकार देने में मील का पत्थर साबित होगी। इसकी आधुनिक सुविधाएं और डिज़ाइन इसे खिलाड़ियों के लिए आदर्श स्थल बनाएंगे।”

निष्कर्ष

डालमिया भारत और ओडिशा सरकार का यह कदम खेलों के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। ‘शटल बाय डालमिया’ न केवल उभरते खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को और मजबूत करेगा।

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