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How India Borrows 2024’ रिपोर्ट: डिजिटल वित्त और आकांक्षा-प्रेरित ऋणों में बढ़ोतरी

नई दिल्ली:। होम क्रेडिट इंडिया ने ‘हाउ इंडिया बोरोज़ 2024’ रिपोर्ट जारी की, जो निम्न-मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं के बीच ऋण लेने के पैटर्न में बदलाव को रेखांकित करती है। इस अध्ययन में उपभोक्ता अब जीविकोपार्जन की बजाय आकांक्षाओं, उद्यमशीलता, और दीर्घकालिक निवेश के लिए अधिक ऋण ले रहे हैं। बढ़ती डिजिटल सुविधाएं, ईएमआई कार्ड का उपयोग, और ऐप-आधारित बैंकिंग के प्रति झुकाव इन बदलावों को तेजी से बढ़ावा दे रहे हैं।

मुख्य निष्कर्ष:

1. कन्ज्यूमर ड्यूरेबल्स और स्टार्टअप्स के लिए बढ़ती रुचि:

2024 में स्मार्टफोन और घरेलू उपकरणों की खरीद के लिए ऋण लेने वालों की संख्या 37% तक पहुंची, जो 2020 में सिर्फ 1% थी।

व्यवसाय विस्तार और स्टार्टअप्स के लिए ऋण में वृद्धि दर्ज की गई है, जो 2020 के 5% से बढ़कर 2024 में 21% हो गई है।



2. होम रेनोवेशन और दीर्घकालिक निवेश:

घरों के नवीनीकरण के लिए ऋण 2022 के 9% से बढ़कर 2024 में 15% हो गया, जो संपत्ति में निवेश और जीवनस्तर सुधार पर उपभोक्ताओं के बढ़ते फोकस को दर्शाता है।



3. स्वास्थ्य सेवा के लिए ऋण में गिरावट:

चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए ऋण 2020 में 7% से घटकर 2024 में 3% रह गया, जो बीमा और सस्ती स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर उपलब्धता को दर्शाता है।




डिजिटल वित्तीय लेनदेन में उछाल

ऐप-आधारित बैंकिंग ने 2024 में 65% उपयोग के साथ पारंपरिक ब्राउज़र बैंकिंग को पीछे छोड़ दिया।

ऑनलाइन खरीदारी में भी तेजी आई है, जो 2023 के 48% से बढ़कर 2024 में 53% हो गई।

कोलकाता (71%) और कोच्चि (66%) ऑनलाइन खरीदारी के मामले में शीर्ष शहर बने।


चैटबॉट और व्हाट्सएप बैंकिंग का बढ़ता उपयोग

27% उपभोक्ता अब चैटबॉट्स से परिचित हैं, जबकि 59% को व्हाट्सएप के जरिए ऋण प्रस्ताव मिलते हैं।

व्हाट्सएप पर प्राप्त ऋण प्रस्तावों पर भरोसा 2023 के 24% से बढ़कर 2024 में 26% हो गया।


एम्बेडेड फाइनेंस और ईएमआई कार्ड की मांग

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