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भारत के गेमिंग इनोवेशन को नई उड़ान: एमआईबी, आईईआईसी और विन्जो ने लॉन्च किया टेक ट्रायम्फ सीजन 3

जीडीसी और वेव्स में भारतीय प्रतिभा की चमक, गेमिंग स्टार्टअप और छात्र करेंगे वैश्विक मंच पर प्रदर्शन
नई दिल्ली, : टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (टीटीपी) को इंटरएक्टिव एंटरटेनमेंट एंड इनोवेशन काउंसिल (आईईआईसी) ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) तथा विनजो गेम्स के सहयोग से क्रिएट इन इंडिया चैलेंज सीजन – 1 के तहत लॉन्च किया है। यह पहल वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) से पहले भारत की गेमिंग प्रतिभाओं को पहचानने, प्रोत्साहित करने और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने 114वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भारत की कंटेंट क्रिएटर अर्थव्यवस्था को इस तरह की प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेने के लिए प्रेरित किया था। इसके बाद 115वें ‘मन की बात’ में उन्होंने तेजी से बदलती नौकरियों और गेमिंग जैसे रचनात्मक क्षेत्रों में उभरते अवसरों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अपने संबोधन में भी भारतीय गेमिंग प्रतिभाओं को वैश्विक दर्शकों के लिए स्वदेशी गेम विकसित करने का आह्वान किया था।
टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम प्रधानमंत्री के इसी विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वैश्विक गेमिंग उद्योग फिलहाल 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बाजार तक पहुंच चुका है और इसमें अनगिनत संभावनाएं हैं। हाल की रिपोर्टों के अनुसार, भारत का वर्तमान गेमिंग बाजार 3.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है और 2034 तक इसके 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। यह पहल भारत को दुनिया के अग्रणी गेमिंग केंद्रों में शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित हो सकती है।
टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (टीटीपी) का उद्देश्य भारत के गेमिंग उद्योग को नई तकनीकों, नवाचारों और उद्यमशीलता के जरिए सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत भारतीय डेवलपर्स और टेक इनोवेटर्स को वैश्विक गेमिंग बाजार में अपनी पहचान बनाने और प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ने के अवसर मिलेंगे। चुने गए प्रतिभागी 17 से 21 मार्च 2025 के बीच सैन फ्रांसिस्को में गेम डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (जीडीसी) और बाद में भारत में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट समिट (वेव्स) में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।
टीटीपी गेमिंग स्टार्टअप्स को निवेश, मार्गदर्शन और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी पहचान बनाने का मौका दे रहा है। चयनित प्रतिभागियों को अपने गेम वैश्विक दर्शकों के सामने प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा, साथ ही उन्हें इवेंट में पूरी तरह से प्रायोजित एंट्री, प्रदर्शनी स्थान, हवाई यात्रा और प्रतिष्ठित निवेशकों से मिलने का अवसर भी मिलेगा। इस साल प्रतियोगिता पीसी, मोबाइल और कंसोल गेमिंग से जुड़े स्टूडियोज, डेवलपर्स, ईस्पोर्ट्स संगठनों के अलावा भुगतान, सुरक्षा, जुड़ाव, मुद्रीकरण और अन्य गेमिंग समाधान प्रदान करने वाले स्टार्टअप्स के लिए भी खुली है। यह चुनौती भारतीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रतिभागियों के लिए उपलब्ध है और आवेदन की अंतिम तिथि 20 फरवरी 2025 तक बढ़ा दी गई है।
इस प्रतियोगिता में चयन तीन चरणों में होगा। पहले चरण में प्रतिभागियों को अपनी प्रविष्टियां जमा करनी होंगी, जिसके आधार पर प्रारंभिक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके बाद चयनित उम्मीदवारों को अंतिम मूल्यांकन दौर में विशेषज्ञों के सामने अपने गेमिंग कॉन्सेप्ट पेश करने होंगे। अंत में, विजेताओं को मेंटरशिप और प्रशिक्षण मिलेगा, ताकि वे अपने विचारों को प्रभावी ढंग से अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत कर सकें। इस पहल से भारतीय गेमिंग उद्योग को नया जोश मिलेगा और उभरते हुए टैलेंट को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिलेगा।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) के सचिव संजय जाजू ने कहा कि टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (टीटीपी) भारत के गेमिंग और तकनीकी नवाचार को वैश्विक मंच पर पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह कार्यक्रम भारत के एवीजीसी-एक्सआर इकोसिस्टम के भीतर अन्वेषण, सहयोग और विकास को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। वेव्स और टीटीपी का साझा उद्देश्य उभरते स्टार्टअप्स को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना और उनके विकास को गति देना है। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से भारत के गेमिंग उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाना और युवाओं की रचनात्मक क्षमता को अवसर देना हमारा मुख्य लक्ष्य है।
आईईआईसी के सलाहकार अभिषेक मल्होत्रा ने इस पहल को भारत के बढ़ते गेमिंग इकोसिस्टम का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम सिर्फ भारत की क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए नहीं है, बल्कि भारतीय इनोवेटर्स को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने का भी एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने बताया कि सीजन 3 टीटीपी का अब तक का सबसे प्रभावशाली संस्करण होगा, क्योंकि इसमें प्रतिभागियों के लिए फंडिंग, उन्नत मार्गदर्शन और आधुनिक टूल्स जैसी सुविधाओं को शामिल किया गया है। इन संसाधनों की मदद से भारतीय गेमिंग स्टार्टअप्स को नवाचार करने और वैश्विक गेमिंग उद्योग में अपनी अलग पहचान बनाने का अवसर मिलेगा।
विन्जो के सह-संस्थापक पवन नंदा ने टीटीपी को नवाचार और महत्वाकांक्षा का संगम बताया। उन्होंने कहा कि विन्जो का विजन भारतीय गेमिंग स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते और सफलता हासिल करते देखना है। इस कार्यक्रम के माध्यम से स्थानीय प्रतिभाओं को फंडिंग, अत्याधुनिक संसाधन और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपने विचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें। भारत के डिजिटल गेमिंग उद्योग को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में यह पहल ‘दुनिया के लिए भारत में निर्माण’ के दृष्टिकोण को साकार करती है। उन्होंने कहा कि आईईआईसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर वेव्स जैसी पहलों के माध्यम से भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को नई ऊंचाइयों तक ले जाने पर हमें गर्व है।
पिछले संस्करणों में टेक ट्रायम्फ प्रोग्राम (टीटीपी) के विजेताओं को जीडीसी 2024, जर्मनी और ब्राजील में गेम्सकॉम, और ब्राजील गेमिंग शो जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में अपने गेम्स को प्रदर्शित करने का मौका मिला। इन आयोजनों में उद्योग और सरकार के अनुभवी नेताओं के मार्गदर्शन में भारतीय प्रतिभाओं को अपनी क्षमताएं दिखाने का अवसर मिला। टीटीपी के पिछले सीजन्स में कई प्रतिष्ठित हस्तियों ने निर्णायक और सलाहकार की भूमिका निभाई, जिनमें भारत सरकार के पूर्व सचिव रोहित कुमार सिंह, ब्राजील में भारत के राजदूत सुरेश के. रेड्डी, इंफो एज के सह-संस्थापक संजीव भीकचंदानी, और कलारी कैपिटल के प्रबंध निदेशक राजेश राजू शामिल थे। इन विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को आवश्यक मार्गदर्शन और समर्थन देकर उनके नवाचारों को बेहतर बनाने में मदद की।
अब टीटीपी का तीसरा सीजन भारत के गेमिंग इकोसिस्टम को वैश्विक मंच पर और मजबूत बनाने के लिए तैयार है। यह न केवल भारतीय गेमिंग कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायक होगा, बल्कि एक गतिशील और विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त ‘मेड इन इंडिया’ टेक इंडस्ट्री के निर्माण के भारत के सपने को भी आगे बढ़ाएगा।
यह पहल भारत को गेमिंग टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा (आईपी) में वैश्विक शक्ति बनाने के लक्ष्य के अनुरूप है। हाल के वर्षों में एवीजीसी और एक्सआर क्षेत्रों का विकास भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। फिक्की-ईवाई की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मीडिया उद्योग में सबसे तेज वृद्धि डिजिटल और ऑनलाइन गेमिंग के क्षेत्र में हुई है। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत की गेमिंग इंडस्ट्री सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं रह गई, बल्कि यह एक आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है।
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