भारत के ऊर्जा परिवर्तन में ISMA का नेतृत्व: एशिया की पहली CBG कार्यशाला का आयोजन

नई दिल्ली। भारतीय चीनी और जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने वेरा के सहयोग से एशिया की अपनी तरह की पहली संपीड़ित बायोगैस (CBG) कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यशाला ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा प्रयासों को तेज करने, किसानों को सशक्त बनाने और CBG उत्पादन के लिए एक सशक्त पाठ्यक्रम तैयार करने का लक्ष्य रखा। इस पहल के माध्यम से चीनी रिफाइनरियों को बायोएनर्जी हब में परिवर्तित करने की योजना है, जिससे देश में स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।

**स्वच्छ ऊर्जा के लिए चीनी रिफाइनरियों का उपयोग** 
ISMA के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा, “यह कार्यशाला भारतीय चीनी उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। CBG उत्पादन की क्षमता का पूरी तरह से उपयोग करके, हम न केवल स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करेंगे बल्कि किसानों को ‘अन्नदाता’ से ‘ऊर्जादाता’ बनने का अवसर भी देंगे।” ISMA की इस पहल से देश में सालाना 10 लाख टन से अधिक CBG उत्पादन का लक्ष्य है।

**सरकार का समर्थन और सहयोग** 
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के निदेशक श्री आनंद कुमार झा ने कार्यशाला में भाग लिया और CBG परियोजनाओं में सरकार के समर्थन को दोहराया। उन्होंने कहा कि CBG का उपयोग ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करेगा, जिससे देश के ऊर्जा भविष्य को मजबूती मिलेगी।

**कार्बन क्रेडिट में नई पहल** 
ISMA और वेरा ने सत्यापित कार्बन मानक (VCS) कार्यक्रम के तहत कार्बन लेखांकन प्रणाली और उच्च गुणवत्ता वाले कार्बन क्रेडिट को विकसित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। शुरुआत में CBG पर केंद्रित यह साझेदारी अन्य बायोएनर्जी और बायोप्रोडक्ट्स तक विस्तारित होगी, जिससे उद्योग के विकास में तेजी आएगी।

ISMA की यह पहल भारत के ऊर्जा परिदृश्य में एक नई दिशा दे रही है, जिससे स्वच्छ ऊर्जा और किसान सशक्तिकरण की दिशा में बड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

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