Business

मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने ‘ब्रेव एंड ब्यूटीफुल’ मीट के साथ स्तन कैंसर सर्वाइवर्स का उत्सव मनाया

कोलकाता: स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल ने ‘बिजोया: ब्रेव एंड ब्यूटीफुल’ मीट का आयोजन कर उन महिलाओं का सम्मान किया, जिन्होंने साहस के साथ स्तन कैंसर से लड़ाई लड़ी है या इस कठिन दौर का सामना कर रही हैं। इस कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने न केवल बीमारी की शुरुआती पहचान के महत्व पर जोर दिया, बल्कि मरीजों को मानसिक और भावनात्मक समर्थन की जरूरत पर भी प्रकाश डाला।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जागरूकता बढ़ाने पर जोर
मेडिका की सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. पूजा अग्रवाल ने इस कार्यक्रम में कहा, “स्तन कैंसर से बचाव के लिए शुरुआती पहचान और समय पर इलाज बेहद जरूरी है। महिलाओं को 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल मैमोग्राम कराना चाहिए, और युवाओं को नियमित रूप से स्वयं-स्तन परीक्षण करना चाहिए। दुर्भाग्य से, भारत में 61% मामलों में रोगी देर से आते हैं, जिससे इलाज जटिल हो जाता है।” उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम ‘किसी को भी स्तन कैंसर का सामना अकेले नहीं करना चाहिए’ पर जोर देते हुए बताया कि परिवार और समाज का समर्थन मरीजों के लिए मानसिक संबल का महत्वपूर्ण स्रोत बनता है।

इस कार्यक्रम की संयोजिका और साइको-ऑन्कोलॉजिस्ट अरुणिमा दत्ता ने कहा, “हमने इस मीट का नाम ‘बिजोया’ रखा है ताकि उन बहादुर महिलाओं का सम्मान किया जा सके, जिन्होंने जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना किया। कैंसर से जूझना सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक संघर्ष भी है। समाज को यह समझना जरूरी है कि एक महिला की असली सुंदरता उसके साहस और मानसिक लचीलेपन में निहित है।”

प्रेरणादायक अनुभवों की साझा कहानियां
86 वर्षीय अरुणा बसाक ने अपनी कहानी साझा करते हुए कहा, “जब मुझे इस साल की शुरुआत में स्तन कैंसर का पता चला, तो मुझे लगा यह जीवन का अंत है। लेकिन मेडिका के डॉक्टरों ने मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। सफल सर्जरी के बाद मुझे किसी आक्रामक उपचार की जरूरत नहीं पड़ी और अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं। यह एक नई शुरुआत है, और हाल ही में मैंने अपने परिवार के साथ दुर्गा पूजा का आनंद लिया।”

76 वर्षीय गौरी भट्टाचार्य ने भी अपनी कहानी सुनाई, “मुझे इस साल स्तन कैंसर का पता चला, लेकिन मेरे पति ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बनाए रखा। मेडिका की टीम ने मेरे इलाज को बेहद सुचारू रूप से संभाला और अब मैं हार्मोनल थेरेपी पर हूं। मेरी जिंदगी फिर से सामान्य हो गई है।”

स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता जरूरी
कार्यक्रम के अंत में मणिपाल हॉस्पिटल्स ईस्ट के क्षेत्रीय मुख्य परिचालन अधिकारी डॉ. अयनभ देबगुप्ता ने कहा, “स्तन कैंसर दुनिया का सबसे सामान्य कैंसर है, लेकिन जागरूकता और समय पर निदान के माध्यम से इसकी जीवित रहने की दर काफी बेहतर है। आज के कार्यक्रम में सर्वाइवर्स की कहानियों ने हमारी ऑन्कोलॉजी टीम के समर्पण को दर्शाया है। हम सभी को स्वस्थ और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हैं।”

यह आयोजन न केवल स्तन कैंसर से बचे लोगों की प्रेरक यात्राओं का उत्सव था, बल्कि इसने जागरूकता फैलाने और समय पर निदान के महत्व को भी रेखांकित किया। मेडिका सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल की यह पहल उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो इस बीमारी से लड़ रहे हैं, और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि रोगी की मानसिक और शारीरिक सेहत दोनों का समान महत्व है।

Related Articles