पटना। बिहार की राजधानी पटना के विद्यापति भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में मुज़फ्फरपुर निवासी अनुभव राज को ‘भारत रत्न लाल बहादुर शास्त्री सम्मान’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके साहित्य, समाजसेवा और विकलांगता के क्षेत्र में किए गए विशिष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘लाल बहादुर विचार मंच’ के अध्यक्ष अजय वर्मा द्वारा श्री लाल बहादुर शास्त्री की 120वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया था।
अनुभव राज को यह सम्मान सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. डी.के. श्रीवास्तव द्वारा शॉल, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो देकर दिया गया। उल्लेखनीय है कि अनुभव वर्तमान में मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज से हिंदी में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं। सेरेब्रल पाल्सी जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने के बावजूद, उनका हौसला और सकारात्मक सोच प्रेरणादायक है।
अनुभव की साहित्यिक यात्रा भी बेहद सराहनीय रही है। उनकी चर्चित बाल साहित्य पुस्तक ‘चिड़ियों का स्कूल’ 2022 में प्रकाशित हुई थी। इसके अलावा, उनकी एक कविता ‘मां’ को एनसीईआरटी की कक्षा 2 की हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘सारंगी’ में शामिल किया गया है। इसके साथ ही, अनुभव एक दिन के लिए बिहार राज्य निशक्तता आयुक्त भी बन चुके हैं, और इस दौरान उन्होंने दो महत्वपूर्ण आदेश भी पारित किए थे।
अनुभव को ब्लॉगिंग, भ्रमण और कविताएं लिखने का शौक है, और वे अब तक कई सम्मानों से नवाजे जा चुके हैं। इनमें ‘श्री ग्यासीराम गोयल हिंदी बाल साहित्य सम्मान 2021’, ‘स्पार्क ऑफ किलकारी 2022’, ‘विद्यादेवी खन्ना बाल साहित्य सम्मान 2023’, और ‘अदबी उड़ान विशिष्ट साहित्यकार सम्मान 2023’ प्रमुख हैं।
इस सम्मान के साथ, अनुभव राज ने न केवल अपने शहर मुजफ्फरपुर बल्कि पूरे बिहार का मान बढ़ाया है। उनकी यह उपलब्धि विकलांगता के बावजूद अटूट साहस और लगन की मिसाल है।