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RBI ने नहीं बदली ब्याज दरें: रेट कट की उम्मीदों पर फिरा पानी, EMI में नहीं मिलेगी राहत

नई दिल्ली: रेट कट की आस लगाए बैठे आम जनता और निवेशकों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इस फैसले के बाद अब होम लोन, ऑटो लोन, और पर्सनल लोन की EMI में कोई कमी नहीं आएगी।

ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीदें टूटीं

विशेषज्ञों और बाजार विश्लेषकों को उम्मीद थी कि इस बार रिजर्व बैंक रेपो रेट में कटौती करेगा, जिससे EMI में राहत मिल सकती थी। लेकिन महंगाई को काबू में रखने के लिए RBI ने ब्याज दरों को पहले की तरह ही बरकरार रखा है। वर्तमान में रेपो रेट 6.50% पर स्थिर है, जिससे लोन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए कोई राहत की खबर नहीं है।

महंगाई पर लगाम कसने की कोशिश

RBI ने स्पष्ट किया कि देश में बढ़ती महंगाई को देखते हुए ब्याज दरों को स्थिर रखना जरूरी है। पिछले कुछ महीनों में खाद्य पदार्थों और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जिससे आम लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। ऐसे में, RBI का ध्यान फिलहाल महंगाई को नियंत्रित करने पर है, ताकि आम जनता को भविष्य में बढ़ती कीमतों का सामना न करना पड़े।

EMI पर नहीं होगी कोई राहत

ब्याज दरों में कमी न होने से सबसे ज्यादा असर होम लोन, ऑटो लोन, और पर्सनल लोन लेने वालों पर पड़ेगा। उन्हें अपनी EMI पहले की तरह ही चुकानी होगी। जो लोग अपने लोन की ब्याज दरों में कमी की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें फिलहाल और इंतजार करना होगा।

RBI का फोकस: आर्थिक स्थिरता और महंगाई नियंत्रण

RBI गवर्नर ने कहा कि ब्याज दरों को फिलहाल स्थिर रखने का फैसला अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने और महंगाई को नियंत्रण में रखने के उद्देश्य से लिया गया है। आने वाले दिनों में महंगाई के आंकड़ों में कमी देखने को मिल सकती है, जिसके बाद RBI ब्याज दरों में बदलाव पर पुनर्विचार कर सकता है।

निवेशकों और बाजार की प्रतिक्रिया

RBI के इस फैसले के बाद शेयर बाजार और निवेशकों ने भी मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। जहां कुछ निवेशकों को उम्मीद थी कि ब्याज दरों में कटौती से बाजार में तेजी आएगी, वहीं अब बाजार में थोड़ी सुस्ती देखी जा रही है।

निष्कर्ष: रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला महंगाई को नियंत्रित करने की दिशा में एक सख्त कदम है, लेकिन इससे लोन लेने वालों की जेब पर असर पड़ेगा। RBI का यह कदम बताता है कि फिलहाल महंगाई पर काबू पाना उसकी प्राथमिकता है, जबकि रेट कट की उम्मीद करने वालों को अब और इंतजार करना होगा।

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