मुंबई: नई पीढ़ी की डिजिटल-प्राथमिक बीमा कंपनी ज़ूनो जनरल इंश्योरेंस (पहले एडलवाइस जनरल इंश्योरेंस) ने मानसून के दौरान स्वास्थ्य बीमारियों के दावों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल जून से सितंबर तक टाइफाइड के मामलों में 37% की बढ़ोतरी हुई है। रिपोर्ट बताती है कि इस बार मानसून की अवधि लंबी होने से यह ट्रेंड उभरकर आया है।
टाइफाइड के मामलों में वृद्धि के अलावा, इस बार सबसे अधिक रिपोर्ट की गई पांच बीमारियों में एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस (AGE), वायरल बुखार, डेंगू, और निमोनिया शामिल हैं। इन बीमारियों के कारण हेल्थ क्लेम में पिछले साल की तुलना में 36% की वृद्धि दर्ज की गई। खासकर, रोगाणुओं से होने वाली बीमारियों का हिस्सा इसमें 24% रहा।
प्रमुख राज्य और क्षेत्रीय प्रभाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गुजरात इस वित्त वर्ष (2025) में सबसे अधिक प्रभावित रहे। पिछले साल, यह स्थिति महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में थी।
उपचार खर्च और अस्पताल में भर्ती की अवधि
वायरल बीमारियों के इलाज पर प्रति दिन खर्च में 2% की वृद्धि हुई है। मरीजों के अस्पताल में भर्ती रहने की औसत अवधि 3.5 दिन रही, जबकि क्लेम की राशि 9,000 रुपये से लेकर 6.8 लाख रुपये तक रही।
ज़ूनो जनरल इंश्योरेंस के चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, श्री नितिन देव ने कहा,
“टाइफाइड का बढ़ना यह संकेत देता है कि लंबी मानसून अवधि और गंदे पानी व भोजन से जुड़ी समस्याएं स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल रही हैं। पालघर, दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे इलाकों में टाइफाइड के मामलों में खास बढ़ोतरी हुई है। हमारा उद्देश्य पर्यावरणीय चुनौतियों के साथ स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना है।”
आयु और लिंग आधारित ट्रेंड
रिपोर्ट में पाया गया कि 31 से 45 वर्ष की उम्र के लोग सबसे अधिक प्रभावित हुए। इस आयु वर्ग में दावों की आवृत्ति में 43% की वृद्धि दर्ज हुई। पुरुषों और महिलाओं के दावों का अनुपात 53:47 रहा।
ज़ूनो जनरल इंश्योरेंस अपने ग्राहकों को बेहतर कवरेज प्रदान करने और स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए उन्नत डेटा और तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है।
निष्कर्ष
यह रिपोर्ट स्वास्थ्य और पर्यावरणीय खतरों के बढ़ते प्रभाव को उजागर करती है। मानसून के दौरान स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और समय पर बीमा कवरेज लेना, आज की जरूरत बन गया है।
टाइफाइड और अन्य मानसून-जनित बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें और स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों के लिए तैयार रहें।