मुंबई: यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) एप्लिकेशन, जिसे डिजिटल रुपी (e₹) के नाम से जाना जाता है, में एक्सेसिबिलिटी फीचर की शुरुआत की है। यह पहल सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे पहले बैंक के रूप में सामने आई है, जो वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए समावेशी सेवाएं प्रदान कर रहा है। डिजिटल रुपी, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी और विनियमित किया गया एक डिजिटल फ़िएट करेंसी है, जो वॉलेट-आधारित लेनदेन, यूपीआई क्यूआर कोड के साथ इंटर-ऑपरेबिलिटी, ऑटो-लोड कार्यक्षमता और रीयल-टाइम निपटान को सरल बनाता है।
नई एक्सेसिबिलिटी फीचर दिव्यांगजनों के लिए डिजिटल रुपी एप्लिकेशन को और अधिक सुलभ बनाता है। यह सुविधा दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए सीबीडीसी वॉलेट को डाउनलोड और नेविगेट करना आसान बनाती है। प्रमुख सुधारों में निम्नलिखित शामिल हैं:
1. वॉयस-ओवर संगतता: एप्लिकेशन के सभी तत्वों को उचित रूप से लेबल किया गया है, ताकि स्क्रीन रीडर के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को सूचनात्मक आवाज़ों द्वारा सहायता मिल सके।
2. जेस्चर-आधारित नेविगेशन: स्वाइप और डबल टैप जैसे सरल जेस्चर के जरिए उपयोगकर्ता को मुद्रा चयन सहित ऐप के विभिन्न कार्यों को आसानी से नेविगेट करने की सुविधा मिलती है।
3. प्लेटफ़ॉर्म संगतता: यह फीचर दोनों आईओएस और एंड्रॉयड डिवाइस पर पूरी तरह से कार्य करता है।
यूनियन बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ, ए. मणिमेखलै ने इस पहल के बारे में कहा, “हम वित्तीय समावेशन और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। डिजिटल रुपी ऐप में एक्सेसिबिलिटी फीचर्स का समावेश कर हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हमारे ग्राहक, विशेषकर दिव्यांगजन, डिजिटल लेनदेन की सुविधाओं का पूरा लाभ उठा सकें।”
यह एक्सेसिबिलिटी पहल यूनियन बैंक को डिजिटल एक्सेसिबिलिटी के क्षेत्र में अग्रणी बनाती है। डिजिटल रुपी, भौतिक मुद्रा की छपाई और वितरण से जुड़े खर्चों को घटाते हुए, नकद आधारित लेनदेन से सुरक्षित और कुशल डिजिटल लेनदेन की दिशा में सरकार के “कम नकद अर्थव्यवस्था” के दृष्टिकोण को मजबूत करेगा।