वर्चुसा फाउंडेशन का स्कूल जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट जीता यूनेस्को एशिया-पैसिफिक ‘अवॉर्ड ऑफ मेरिट’
2024 के शीर्ष सांस्कृतिक धरोहर प्रोजेक्ट में शामिल हुआ बी.जे.पी.सी.आई का जीर्णोद्धार~
नई दिल्ली: वर्चुसा फाउंडेशन ने यह घोषणा की है कि मुंबई स्थित बयरामजी जीजीभॉय पारसी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन (बी.जे.पी.सी.आई) को उनके जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट के लिए यूनेस्को एशिया-पैसिफिक अवॉर्ड ऑफ मेरिट से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान 2024 के सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष प्रोजेक्ट्स में शामिल हुआ है।
वर्चुसा फाउंडेशन का यह प्रोजेक्ट सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण, शिक्षा, और पर्यावरण अनुकूल पहल के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 134 वर्ष पुरानी इस संरचना को वर्चुसा ने न केवल संरक्षित किया बल्कि इसका जीर्णोद्धार भी किया, जिससे यह स्कूल आने वाली पीढ़ियों के लिए शिक्षा का एक मजबूत स्तंभ बना रहेगा।
कंजर्वेशन आर्किटेक्ट विकास दिलावरी की अगुवाई में और वर्चुसा फाउंडेशन के सहयोग से किए गए इस जीर्णोद्धार में स्कूल की जटिल विक्टोरियन वास्तुकला को नए जीवन से सजाया गया। इसमें सागौन की लकड़ी से बने स्क्रीन और रंगीन कांच जैसी विशेषताएं शामिल हैं, जो इस ऐतिहासिक संरचना की सुंदरता और महत्व को बनाए रखती हैं। यह स्कूल खान बहादुर मुंचेरजी सी.मुर्जबान द्वारा डिज़ाइन किया गया था और मुंबई में बनी गोथिक वास्तुकला शैली की अंतिम संरचना है।
इस जीर्णोद्धार के परिणामस्वरूप 1500 छात्रों को शिक्षा प्राप्त हो रही है, और यह प्रोजेक्ट वर्चुसा की स्थायित्व, शिक्षा, और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को साबित करता है।
अमित बाजोरिया, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, वर्चुसा कॉर्पोरेशन ने कहा,
“यूनेस्को द्वारा बी.जे.पी.सी.आई को यह पुरस्कार, वर्चुसा की सार्थक इंजीनियरिंग और धरोहर संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह प्रोजेक्ट दर्शाता है कि कैसे हम सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण के माध्यम से भविष्य की पीढ़ियों को स्थायित्व और प्रेरणा दे सकते हैं।”
बी.जे.पी.सी.आई के ट्रस्टी रुस्तम एन.बी. ने कहा,
“यह पुरस्कार हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने और उसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने की महत्ता को समझाता है। वर्चुसा के सहयोग से बी.जे.सी.आई शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण के प्रतीक के रूप में उभर रहा है।”
यूनेस्को एशिया-पैसिफिक अवॉर्ड हर साल सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए दिया जाता है। इस पुरस्कार के माध्यम से धरोहर संरक्षकों और पुनरोद्धारक प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा मिलता है। इस साल बी.जे.पी.सी.आई के जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट को शामिल करना यह दर्शाता है कि कैसे सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण समुदायों में बदलाव ला सकता है और एक नई पहचान उत्पन्न कर सकता है।
2024 के अन्य पुरस्कार विजेता प्रोजेक्ट्स में शामिल हैं:
गुआनिन हॉल टीहाउस कंजर्वेशन प्रोजेक्ट (चेंग्दू, सिचुआन प्रांत, चीन)
हेलाउ पवेलियन कंजर्वेशन प्रोजेक्ट (शंघाई, चीन)
ऑब्जर्वेटरी टॉवर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट (क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड)