नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अश्लील और भद्दे कंटेंट पर सख्त कार्रवाई करते हुए इस साल 18 ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया है। यह जानकारी सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन ने बुधवार को लोकसभा में दी।
अश्लील कंटेंट के खिलाफ सख्त रुख
लोकसभा में शिवसेना-यूबीटी सदस्य अनिल देसाई के सवाल का जवाब देते हुए एल. मुरुगन ने बताया कि सरकार ने यह कदम अश्लील और पोर्नोग्राफिक सामग्री को रोकने के लिए उठाया है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत की गई है, जो अश्लील सामग्री पर सख्ती से रोक लगाती है।
केंद्र सरकार का उद्देश्य
एल. मुरुगन ने बताया कि सरकार की प्राथमिकता है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर मौजूद सामग्री समाज के लिए सुरक्षित और नैतिक हो। उन्होंने कहा, “अश्लील सामग्री न केवल समाज पर बुरा प्रभाव डालती है, बल्कि युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करती है। ऐसे में इन प्लेटफॉर्म्स पर कार्रवाई जरूरी थी।”
अश्लीलता रोकने के लिए कदम
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर गैर-जिम्मेदाराना कंटेंट की कोई जगह नहीं है।
1. आईटी अधिनियम के तहत कार्रवाई: ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी बढ़ाई गई है।
2. शिकायत निवारण तंत्र: उपयोगकर्ताओं की शिकायतों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
3. सामग्री की जांच: हर प्लेटफॉर्म पर अपलोड की गई सामग्री की सख्ती से जांच हो रही है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर बढ़ती निगरानी
पिछले कुछ सालों में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर सामग्री को लेकर विवाद बढ़े हैं। सरकार की इस कार्रवाई का उद्देश्य डिजिटल स्पेस को साफ और सुरक्षित बनाना है।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
इस कदम की सोशल मीडिया पर सराहना हो रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को जिम्मेदार बनाने और अश्लीलता पर लगाम कसने में मदद करेगी।
निष्कर्ष:
सरकार की इस कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील सामग्री के लिए कोई जगह नहीं है। इस फैसले से ओटीटी इंडस्ट्री में जिम्मेदारी और नैतिकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।