Entertainment

दोसांझ कलां गांव में बढ़ती आबादी की कमी: युवा पीढ़ी की विदेश में बसने की प्रवृत्ति

मुंबई: पंजाबी गायक दिलजीत दोसांझ का पैतृक गांव दोसांझ कलां इन दिनों गंभीर आबादी संकट का सामना कर रहा है। गांव के अधिकांश घरों के दरवाजे ताले लगे हुए हैं, जो यह दर्शाते हैं कि यहां की युवा पीढ़ी अपने पैतृक निवास को छोड़कर विदेश बस चुकी है। यह समस्या सिर्फ कुछ घरों तक सीमित नहीं है; पूरा गांव आबादी की कमी से जूझ रहा है।

गांव के बुजुर्गों के अनुसार, इस स्थिति के कारण गांव की जनसंख्या तेजी से घट रही है और संभवतः आने वाले दिनों में यह पूरी तरह से खाली हो सकता है। दिलजीत दोसांझ के चचेरे भाई जसविंदर सिंह के मुताबिक, पिछले कई सालों से गांव के लोग विदेश जाकर बस गए हैं, जिसके चलते गांव आधा खाली हो चुका है। विदेश जाने की प्रवृत्ति वर्षों से जारी है, और अब गांव के सभी युवा और बच्चे विदेश में बस चुके हैं।

जसविंदर सिंह ने कहा कि अगर सरकार गांव में रोजगार के अवसर प्रदान करती, तो शायद लोग विदेश न जाते। परंतु, ऐसा नहीं हुआ और प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी यही स्थिति है। उषा, एक गांव की निवासी, ने बताया कि गांव के आधे से अधिक लोग विदेश में बस चुके हैं, और यहां रोजगार की कमी के कारण लोग विदेश की ओर रुख कर रहे हैं।

गुरमीत सिंह ने भी इस बात पर चिंता जताई कि प्रदेश से पलायन रोकने के लिए सरकार चाहे कितनी भी घोषणाएं कर ले, लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ भी प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। इस कारण लोग विदेश में कामकाज करके वहीं स्थायी रूप से बस रहे हैं, और परिणामस्वरूप गांवों की स्थिति और भी दयनीय हो रही है।

Related Articles