नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विवाद गहराने के चलते पैनल से 10 विपक्षी सदस्यों को निलंबित कर दिया गया। इस निलंबन का कारण विपक्षी नेताओं द्वारा लगातार बैठक में व्यवधान डालना और पैनल अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ असंसदीय भाषा का उपयोग बताया गया है।
भाजपा की अपराजिता सारंगी की तीखी प्रतिक्रिया
पैनल सदस्य और भाजपा सांसद अपराजिता सारंगी ने विपक्षी सदस्यों के आचरण की कड़ी आलोचना करते हुए इसे “घृणित” करार दिया। उन्होंने कहा, “इस तरह का व्यवहार लोकतांत्रिक प्रक्रिया और संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। विपक्ष ने केवल बाधा उत्पन्न करने का प्रयास किया, जिससे विधेयक पर चर्चा बाधित हुई।”
विरोध और व्यवधान का विवरण
बैठक के दौरान विपक्षी सदस्यों ने लगातार हंगामा किया।
पैनल अध्यक्ष जगदंबिका पाल के खिलाफ असंसदीय भाषा का प्रयोग किया गया।
विपक्ष का कहना है कि सरकार विधेयक को जल्दबाजी में पारित कराना चाहती है, जबकि इस पर और चर्चा की जरूरत है।
विपक्ष का तर्क
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर सरकार विपक्ष की बात सुनने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि समुदाय विशेष के हित पर असर डालने वाले इस विधेयक में कई खामियां हैं, जिन्हें दूर करने की आवश्यकता है।
पैनल अध्यक्ष का बयान
पैनल अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “विपक्ष ने चर्चा में भाग लेने के बजाय व्यवधान पैदा किया। यह लोकतांत्रिक परंपराओं के विपरीत है।”
वक्फ संशोधन विधेयक पर क्या है विवाद?
वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उपयोग से संबंधित इस विधेयक पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच मतभेद हैं। सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ बोर्ड के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और जिम्मेदार बनाएगा, जबकि विपक्ष का आरोप है कि इसमें कुछ प्रावधान समुदाय विशेष के खिलाफ हो सकते हैं।