नई दिल्ली। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने एक कड़े बयान में कहा है कि वे किसी भी “सेक्युलर सिविल कोड” या “यूनिफार्म सिविल कोड” (UCC) को स्वीकार नहीं करेंगे। बोर्ड ने स्पष्ट किया कि उनके लिए इस्लामी शरिया कानून सर्वोपरि है और इससे ऊपर कुछ भी नहीं है।
बोर्ड ने आरोप लगाया कि बार-बार शरिया कानून को कमजोर करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जिसे वे कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। बोर्ड के अनुसार, शरिया कानून उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और इसे किसी भी हाल में सुरक्षित रखा जाएगा।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की इस चेतावनी के बाद देशभर में यूनिफार्म सिविल कोड को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। बोर्ड के इस रुख से यह साफ हो गया है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर बड़ा टकराव देखने को मिल सकता है।
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