नई दिल्ली। लोकसभा में रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि भारतीय रेलवे के कवच परियोजना के लिए 1112 करोड़ रुपये से अधिक राशि का आवंटन किया गया है। कवच, एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली, लोको पायलट की सहायता करता है और खराब मौसम में भी ट्रेन को सुरक्षित रूप से चलाता है।
कवच की स्थापना 2014 के बाद शुरू हुई और अब तक 1465 रूट किमी और दक्षिण मध्य रेलवे पर 144 लोकोमोटिव पर तैनात किया जा चुका है। दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर कवच के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं:
– ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाना: 4275 किमी
– दूरसंचार टावरों की स्थापना: 364
– स्टेशनों पर उपकरण: 285
– लोकोमोटिव में उपकरण: 319
– ट्रैक साइड उपकरण: 1384 रूट किमी
भारतीय रेलवे ने अन्य 6000 रूट किलोमीटर के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट और अनुमान तैयार किए हैं। कवच 4.0 विनिर्देश को जुलाई 2024 में अनुमोदित किया गया है, जिसमें प्रमुख रेलवे नेटवर्क के लिए आवश्यक सभी विशेषताएं शामिल हैं। वर्तमान में, कवच के स्टेशन और ट्रैक साइड प्रावधान की लागत लगभग 50 लाख रुपये प्रति किमी और लोकोमोटिव पर कवच की लागत लगभग 70 लाख रुपये प्रति लोको है।
कवच परियोजना पर अब तक 1216.77 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं, और वर्ष 2024-25 के दौरान 1112.57 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।