कनाडा के कॉलेज और अवैध इमिग्रेशन: ईडी की जांच में बड़ा खुलासा

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कनाडा और अमेरिका में भारतीयों को अवैध तरीके से भेजने वाले एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि कनाडा के 260 कॉलेज इस सिंडिकेट के नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं। इस रैकेट में भारतभर के करीब 3,500 एजेंट और दलाल शामिल हैं, जो हर साल हजारों लोगों को अवैध रूप से विदेश भेजने में मदद करते हैं।

2022 की घटना से खुली पोल

यह जांच 2022 में एक गुजराती परिवार की मौत के बाद तेज हुई, जब वे कनाडा के रास्ते अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। परिवार को -37 डिग्री सेल्सियस के बर्फीले तूफान में सीमा पार करने के दौरान छोड़ दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई।

8 ठिकानों पर छापेमारी

ईडी ने मुंबई, नागपुर, गांधीनगर, और वडोदरा में 8 जगहों पर छापेमारी की। जांच में सामने आया कि कुछ कंपनियां हर साल लगभग 35,000 लोगों को अवैध तरीके से विदेश भेज रही थीं। इसमें मुंबई और नागपुर स्थित दो कंपनियों की बड़ी भूमिका पाई गई।

कनाडा के कॉलेजों की संदिग्ध भूमिका

ईडी के अनुसार, ये एजेंट पहले कनाडा के कॉलेजों में एडमिशन के नाम पर वीजा दिलवाते हैं। बाद में, जब व्यक्ति कनाडा पहुंचता है, तो उसे अवैध तरीके से अमेरिका की सीमा पार करवाई जाती है। इस प्रक्रिया में प्रति व्यक्ति 55 से 60 लाख रुपये तक वसूले जाते हैं।

गुजरात में सबसे ज्यादा सक्रिय एजेंट

जांच में पाया गया कि केवल गुजरात में 1,700 से अधिक एजेंट सक्रिय थे, जबकि पूरे देश में यह संख्या 3,500 तक पहुंच गई। अब भी 800 से अधिक एजेंट इस अवैध काम में लिप्त हैं।

ईडी की सख्ती जारी

ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एजेंसी ने इस सिंडिकेट के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही है।

निष्कर्ष:
यह रैकेट केवल भारत ही नहीं, बल्कि कनाडा और अमेरिका जैसे देशों की कानून व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन गया है। ईडी की कार्रवाई से उम्मीद है कि अवैध इमिग्रेशन के इस बड़े नेटवर्क पर रोक लगेगी।

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