केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में 40376 नोटरियों की नियुक्तियां

महाराष्ट्र में 14648 गुजरात में 8086 राजस्थान में 4538
नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने 40376 नोटरियों की नियुक्ति विभिन्न राज्यों में की है। केंद्र सरकार ने यह नियुक्तियां नोटरी अधिनियम 1952 की धारा 3 के अंतर्गत नियम 7-8 नोटरी अधिनियम 1956 के तहत की गई है।
विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा भारतकोश पोर्टल पर राष्ट्रीय स्तर पर वैकेंसी निकालकर,लगभग डेढ़ दर्जन राज्यों में नोटरी नियुक्त किए हैं।
केंद्र सरकार के भारत कोष पोर्टल पर 2000 रूपये फीस के साथ ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए थे। विधि एवं न्याय मंत्रालय के नोटरी सेल के अंडर सेक्रेटरी के पास ईमेल के द्वारा दस्तावेज जमा कराए गए। उसके बाद आवेदनों की छटनी कर नियुक्ति की गई है।
2023 तक राज्य सरकारें कलेक्टर की अनुशंसा पर नोटरी की नियुक्तियां करती थी। पहली बार केंद्र सरकार ने अपने ही स्तर पर नियुक्तियां की है। मध्य प्रदेश में 2117 केरल में 1865 प.बंगाल में 838 उत्तर प्रदेश में 1627 पंजाब में 1578 हरियाणा में 1357 दिल्ली में 975 उत्तराखंड में 170 सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 14648 असम में 420 उड़ीसा में 531 गोवा में 296 गुजरात में 8086 हिमाचल प्रदेश में 578 राजस्थान में 4538 बिहार में 331 झारखंड में 320 तथा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में 100 नोटरी नियुक्त किए गए हैं। कुल मिलाकर 40376 नोटरी केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार द्वारा यह नियुक्तियां की गई हैं। कई राज्यों में गैर भाजपा शासित सरकारें हैं। केंद्र सरकार ने इन्हें विश्वास में नहीं लिया। संघीय व्यवस्था होने के कारण नोटरियों की नियुक्ति होने के बाद इस पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। नोटरी को दस्तावेज सत्यापित करने के अधिकार होते हैं। एक तरह से वकालत के पैसे में इसे रोजगार से भी जोड़ा जाता है। नियुक्तियां होने के बाद यह कहा जा रहा है। एक पार्टी की विचारधारा से जुड़े हुए लोगों की नियुक्तियां की गई है। जिसके कारण यह मामला अब तूल पकड़ रहा है।

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