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मुख्यमंत्री ने लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी, दो से ज्यादा बच्चे वालों को मिलेगा इन्सेंटिव

CM chandrababu naidu advised people to have more children: सीएम चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि एक ऐसा कानून बनाने पर भी विचार चल रहा है, जिसके तहत सिर्फ वही लोग स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाएंगे, जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे।

हैदराबाद: CM chandrababu naidu advised people to have more children आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने अपने राज्य के निवासियों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी है। प्रदेश में उम्रदराज लोगों की बढ़ती हुई संख्या को लेकर उन्होंने यह सुझाव दिया है। इतना ही नहीं प्रदेश सरकार पॉपुलेशन मैनेजमेंट की योजना बना रही है। इसके तहत विधेयक लाने के बारे में भी सोचा जा रहा है, जिसमें अधिक बच्चे वाले परिवारों को इन्सेंटिव दिया जाएगा।

सीएम चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को कहा कि एक ऐसा कानून बनाने पर भी विचार चल रहा है, जिसके तहत सिर्फ वही लोग स्थानीय निकाय चुनाव लड़ पाएंगे, जिनके दो से अधिक बच्चे होंगे।

चंद्रबाबू नायडू ने कहाकि पहले हमने ऐसा कानून बनाया था जिसमें अधिक बच्चे वाले लोग चुनाव नहीं लड़ सकते थे। लेकिन अब हमने उस कानून को खत्म कर दिया है और इसे रिवर्स करने की सोच रहे हैं। अधिक बच्चों वाले परिवारों को सरकार अधिक सुविधाएं देने के बारे में विचार कर रही है।

CM chandrababu naidu advised people to have more children
सीएम नायडू ने कहा कि वैसे तो हमारे पास 2047 तक डेमोग्राफिक एडवांटेज है। लेकिन दक्षिणी राज्यों खासकर आंध्र प्रदेश में बढ़ती उम्र वालों की आबादी चिंता में डालने वाली बात है। उन्होंने कहाकि जापान, चीन समेत कुछ यूरोपीय देश भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। दक्षिण भारत में यह समस्या इसलिए हो रही है क्योंकि युवा लोग देश के दूसरे हिस्सों में या फिर विदेश की ओर रुख कर चुके हैं।

फर्टिलिटी रेट 1.6 राष्ट्रीय दर 2.1 से काफी कम
सीएम नायडू ने दक्षिणी राज्यों में गिरती प्रजनन दर पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहाकि यहां फर्टिलिटी रेट 1.6 परसेंट है जो राष्ट्रीय दर 2.1 से काफी कम है। अगर यही हाल रहा तो हमारे यहां 2047 तक बुजुर्गों की आबादी काफी ज्यादा हो जाएगी। उन्होंने कहाकि आंध्र प्रदेश ही नहीं, देश के कई गांवों में अब सिर्फ बुजुर्ग ही बचे हैं।

सीएम नायडू ने जनसंख्या नियंत्रण पर अपने पहले के प्रयासों के बारे में भी बात की। उन्होंने कहाकि तब हालात कुछ और थे। तेजी से बढ़ती आबादी के चलते प्राकृतिक संसाधन खतरे में थे। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।

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