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CJI ने डॉक्टरों की सुरक्षा पर जताई चिंता, महत्वपूर्ण सवाल उठाए

नई दिल्ली । मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने हाल ही में एक गंभीर मामले पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसमें रेप और हत्या के साथ-साथ डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा भी शामिल है। CJI ने कहा कि सुरक्षा की चिंता के मद्देनजर सुनवाई की जाएगी और विशेष रूप से महिला डॉक्टरों और युवा डॉक्टरों की सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा।

CJI ने पीड़िता की पहचान उजागर होने को लेकर चिंता जताते हुए कहा कि पीड़िता की फोटो और पोस्टमार्टम के बाद उसकी बॉडी दिखाना चिंताजनक है। सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीरें और नाम के प्रसारण को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने पूछा कि क्या पश्चिम बंगाल के प्रिंसिपल ने हत्या को आत्महत्या बताया और पीड़िता के माता-पिता को देर से सूचित किया? एफआईआर दर्ज करने में देरी को गंभीर मुद्दा बताया।

CJI ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि क्राइम सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया गया और हजारों लोगों को अंदर आने की अनुमति क्यों दी गई? प्रिंसिपल को दूसरे कॉलेज में क्यों ट्रांसफर किया गया? CJI ने सीबीआई से गुरुवार तक स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने की मांग की, और मामले की नाजुकता को देखते हुए डायरेक्ट रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की बात कही।

उन्होंने डॉक्टरों से भरोसा रखने की अपील की और कहा कि पूरे देश का हेल्थकेयर सिस्टम उनके हाथ में है। CJI ने एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव दिया जिसमें सभी डॉक्टर शामिल होंगे।

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