नई दिल्ली। बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने सवाल उठाया है कि समाज में केवल ‘हवस के पुजारी’ शब्द का ही इस्तेमाल क्यों होता है, ‘हवस के मौलवी’ क्यों नहीं? धीरेंद्र शास्त्री ने आरोप लगाया कि मुस्लिम मौलवियों को कभी अपमानित नहीं किया जाता, लेकिन हिंदू समाज के लिए इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल प्रायोजित तरीके से किया जाता है।
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के मौलाना शहाबुद्दीन ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बयान को नफरत फैलाने वाला बताया है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा, “धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अक्सर विवादित और आपत्तिजनक बातें करते हैं, जो उनकी संकीर्ण सोच को दर्शाती हैं। एक धार्मिक व्यक्ति होने के नाते उन्हें ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए। उन्हें ऐसी बातें कहनी चाहिए जो समाज को प्रेरणा दें, लेकिन वह हमेशा विवादित बयान देते हैं, जो न सिर्फ अनुचित है, बल्कि समाज में द्वेष फैलाने वाला भी है।”
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान ने सोशल मीडिया पर भी बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, तो वहीं कई लोग इसे निंदनीय करार दे रहे हैं।