पश्चिम बंगाल में हाल ही में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसमें एक गर्भवती मां हथिनी को ग्रामीणों की निर्दयता का शिकार होना पड़ा। बताया जा रहा है कि हथिनी अपने बच्चे के साथ लोगों के डर से बचने के लिए एक क्षेत्र में प्रवेश कर गई थी। इस पर ग्रामीणों ने उस पर हमला कर दिया।
हथिनी के पेट में पल रहे अजन्मे बच्चे के साथ-साथ उसके साथ चल रहे बच्चे को भी नहीं बख्शा गया। ग्रामीणों ने पहले हथिनी पर गैसोलीन डालकर आग लगा दी, फिर गरम भालों से उसके पेट में घोंपा। इसके चलते अजन्मे बच्चे की मौत हो गई, और घायल हथिनी दर्द से कराहती हुई जमीन पर गिर पड़ी।
मां हथिनी का अपराध बस इतना था कि उसने गलती से मानव क्षेत्र में प्रवेश कर लिया था और उसका बच्चा भूखा था। आग की लपटों में घिरी हथिनी ने डर के मारे भागने की कोशिश की, लेकिन आग उसकी पीठ पर मशाल की तरह जलती रही।
यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है और इस पर गहन विचार करने की आवश्यकता है।