भारत में महिलाओं और नाबालिग बच्चियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा और बलात्कार की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। हाल ही में एक पूर्व तवायफ ने अपने चरित्र के जरिए मीडिया के सामने आकर, इन मामलों की गंभीरता को उजागर किया और लोगों से न्याय की मांग की। यह स्थिति देश के लिए अत्यंत शर्मनाक है, जहां एक कमजोर प्रणाली शासन कर रही है और जनता न्याय के लिए एकजुट नहीं हो पा रही है।
दिल्ली के निर्भया मामले में, जब सभी सबूत स्पष्ट थे, तब भी न्याय के लिए 8 साल तक संघर्ष करना पड़ा। आरोपियों की हंसी का पात्र बनी निर्भया की यह कहानी, इस बात का प्रमाण है कि हमारी न्याय व्यवस्था में गंभीर समस्याएं हैं। ऐसे मामलों के बावजूद, राजनीतिक दल एक ठोस कानून नहीं बना पाए जो महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके।
यह आवश्यक हो गया है कि हमारे देश की महिलाएं और बच्चियां आत्मरक्षा के लिए एकजुट हों और एक-दूसरे का समर्थन करें।
**पुखराज भटेले**
संस्थापक–व्यवस्था परिवर्तन
अध्यक्ष–बच्चे बचाओ अभियान
जिला प्रमुख–राजीव दीक्षित भारत निर्माण ट्रस्ट
सदस्य–हाईवे संघर्ष समिति भिंड