मुंबई*: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले महायुति गठबंधन में उभरते मतभेदों को सुलझाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा कदम उठाया। शाह ने अपने दो दिवसीय महाराष्ट्र दौरे के दौरान शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित पवार गुट) और महाराष्ट्र भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने सभी दलों को आश्वस्त किया कि सीटों की चिंता करने की जरूरत नहीं है, और महायुति गठबंधन को मजबूती से आगे बढ़ने के लिए मिलकर काम करने की अपील की।
सूत्रों के मुताबिक, शाह ने मुंबई एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम अजीत पवार से मुलाकात की और उन्हें बेहतर सीटें देने का वादा किया। वहीं, शिंदे की शिवसेना ने भाजपा नेतृत्व से 107 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की है। बैठक के दौरान शाह ने सभी नेताओं से अपील की कि वे सार्वजनिक रूप से मतभेदों को उजागर करने से बचें और चुनाव से पहले एकजुटता बनाए रखें।
महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष सुनील तटकरे ने भी बैठक को सकारात्मक बताया और कहा कि शाह ने आश्वासन दिया है कि महायुति के सभी घटकों को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी। माना जा रहा है कि शिवसेना को 75-80 और एनसीपी को 55-60 सीटें मिल सकती हैं। हालांकि, शिंदे गुट खासकर मुंबई, ठाणे और मुंबई महानगर क्षेत्र की अधिकतम सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है, जो शिवसेना का पारंपरिक गढ़ मानी जाती हैं।
भाजपा चुनाव प्रबंधकों के अनुसार, पार्टी महायुति गठबंधन के तहत 288 सीटों में से 150 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी और 125 सीटें जीतने का लक्ष्य रखेगी। अमित शाह ने पार्टी की कोर कमेटी को भी निर्देश दिया है कि वे पूरी ताकत से चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों में महायुति का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा था, जहां भाजपा ने 28 में से केवल 9 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना ने 15 में से 7 और एनसीपी ने 3 में से सिर्फ 1 सीट पर जीत दर्ज की। महा विकास अघाड़ी ने 30 सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे महायुति के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है।
2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 164 में से 105 सीटें जीती थीं, जबकि इस बार शिंदे गुट की शिवसेना के पास 40 और अजित पवार की एनसीपी के पास 42 विधायक हैं। महायुति को एकजुट होकर इस बार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।