जम्मू कश्मीर विधानसभा गठन के बाद भी एलजी के पास अहम शक्तियां रखने का विरोध, विपक्ष में उबाल
Jammu:जम्मू कश्मीर में विधानसभा गठन के बाद भी उपराज्यपाल (LG) के पास अहम शक्तियां रखने के फैसले का विपक्ष कड़ा विरोध कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि यह लोकतंत्र की हत्या के समान है, जिसमें जनता के चुने हुए नुमाइंदों को विधानसभा में बिठाकर भी उन्हें अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है।
विपक्ष की कड़ी प्रतिक्रिया
विपक्षी दलों ने इस निर्णय को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि यह जनता के विश्वास का अपमान है। उनका मानना है कि विधानसभा के गठन के बाद भी यदि उपराज्यपाल के पास महत्वपूर्ण शक्तियां रहेंगी, तो यह जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों की सत्ता को कमजोर करेगा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को बाधित करेगा।
लोकतंत्र की हत्या का आरोप
विपक्ष का यह भी कहना है कि चुनी हुई सरकार को अधिकारों से वंचित रखना एक प्रकार से लोकतंत्र की हत्या के समान है। इससे जनता के विश्वास पर आघात होता है और उनके अधिकारों का हनन होता है। इस मुद्दे पर राजनीतिक गलियारों में उबाल मच गया है और विपक्षी दलों ने इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने की धमकी दी है।
जनता के चुने हुए नुमाइंदों को अधिकारों से वंचित करने का आरोप
विपक्षी नेताओं का आरोप है कि विधानसभा के गठन के बावजूद यदि उपराज्यपाल को प्रमुख शक्तियां दी जाती हैं, तो जनता के चुने हुए नुमाइंदों को उनके अधिकारों से वंचित किया जाएगा। यह फैसला लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और इससे जनता का विश्वास टूटेगा।