नई दिल्ली । विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने मध्य एशियाई देशों के युवा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर भारत-मध्य एशिया संबंधों पर चर्चा की। इस संवाद में आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों में सहयोग को लेकर गहरी रुचि दिखाई दी।
जयशंकर का बयान: भारत-मध्य एशिया संबंधों को मिलेगी मजबूती
विदेश मंत्री ने ट्वीट कर अपनी खुशी जाहिर की, “हमारे लोगों के बीच संबंधों को लेकर युवाओं के अनुभव और सकारात्मक भावनाएं सुनकर अच्छा लगा। साथ ही, भारत के साथ आर्थिक, स्वास्थ्य, शिक्षा और कनेक्टिविटी के मजबूत संबंधों की रुचि भी उत्साहजनक है।” इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करना था।
भारत-मध्य एशिया सहयोग के प्रमुख क्षेत्र
आर्थिक साझेदारी: व्यापार और निवेश के अवसरों को बढ़ाने पर जोर।
स्वास्थ्य क्षेत्र: मेडिकल सहयोग और हेल्थ टेक्नोलॉजी को साझा करने की संभावना।
शिक्षा: भारतीय विश्वविद्यालयों में मध्य एशियाई छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के अवसर।
कनेक्टिविटी: भारत-मध्य एशिया के बीच व्यापार और परिवहन नेटवर्क को मजबूत करने की रणनीति।
मध्य एशियाई देशों के लिए भारत क्यों अहम?
भारत की मेडिकल और टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को लेकर मध्य एशियाई देशों में उत्साह।
साउथ एशिया और यूरोप के बीच व्यापारिक हब बनने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण।
शिक्षा और डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मध्य एशियाई युवा प्रतिनिधिमंडल से की चर्चा, भारत के साथ सहयोग को लेकर दिखी रुचि
