रिपोर्टर: पुखराज भटेले
हाथरस: जिले से 45 किलोमीटर दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे भोले बाबा उर्फ नारायण हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 134 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। मृतकों में ज्यादातर महिलाएं, बच्चे और पुरुष शामिल हैं।
प्रशासन की लापरवाही
डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। सवाल उठता है कि अनुमति देने के बाद प्रशासन को भीड़ का अनुमान क्यों नहीं था? क्या प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यक्रम स्थल पर कोई इंतजाम नहीं किया था? यह एक गंभीर मामला है, क्योंकि मरने वाले लोगों की कोई गलती नहीं थी। हादसे के बाद लाशों को उठाने के लिए वहां कोई नहीं था, और प्रशासन लाचार खड़ा देखता रहा।
भीड़ प्रबंधन की विफलता
लाखों की भीड़ थी, लेकिन प्रशासन की तैयारी नहीं हुई। लाशों के पास परिजनों के अलावा कोई नहीं था और अस्पताल में भी अनदेखी होती रही। यह शर्म की बात है कि प्रदेश सरकार के पास पर्याप्त प्रशासनिक व्यवस्था, सरकारी अस्पताल की टीम और लाशों को ढकने के लिए कपड़ा भी नहीं था।
जांच और कार्रवाई की मांग
सरकार को घटना स्थल की जांच कर दोषी लोगों को दंडित करना चाहिए। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति दे और उनके परिवारों को असहनीय दर्द सहन करने की ताकत दे।