नई दिल्ली। क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं के लिए सुप्रीम कोर्ट का एक अहम फैसला सामने आया है। कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) के उस फैसले को रद्द कर दिया है जिसमें क्रेडिट कार्ड पर मोटे ब्याज को अनुचित ठहराया गया था। अब बैंक 36-50% तक का ब्याज वसूल सकेंगे यदि क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान समय पर नहीं किया गया।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा लेट पेमेंट पर ब्याज दरें तय करना अनुबंध का हिस्सा है। यह कंपनियों का अधिकार है, और उपभोक्ताओं को इसे स्वीकार करना होगा।
लेट पेमेंट पर इतना होगा ब्याज
1. 36-50% तक का ब्याज वसूला जा सकता है।
2. यदि उपभोक्ता समय पर क्रेडिट कार्ड बिल का भुगतान नहीं करते हैं, तो उन्हें उच्च ब्याज दरों के साथ भारी पेनल्टी का सामना करना पड़ सकता है।
ग्राहकों को चेतावनी
बैंकों और क्रेडिट कार्ड कंपनियों ने ग्राहकों से समय पर भुगतान करने की अपील की है ताकि ब्याज दरों और पेनल्टी से बचा जा सके।
NCDRC का फैसला क्यों हुआ रद्द?
NCDRC ने क्रेडिट कार्ड पर भारी ब्याज वसूली को उपभोक्ताओं के खिलाफ बताया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे वैध करार दिया, क्योंकि यह कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच के अनुबंध का हिस्सा है।
समय पर भुगतान की अहमियत
क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते समय उपभोक्ताओं को ध्यान रखना चाहिए कि समय पर भुगतान न करने से उनकी वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है।
क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ताओं को अब अधिक सतर्क रहना होगा, क्योंकि लेट पेमेंट पर भारी ब्याज और पेनल्टी से बचने के लिए समय पर बिल भरना जरूरी है।