उत्तराखंड: पौड़ी कोटद्वार के जंगलों में भीषण दावानल, वन संपदा को भारी नुकसान, असामाजिक तत्वों पर शक

उत्तराखंड। उत्तराखंड के जंगलों में एक बार फिर भीषण दावानल ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। पौड़ी जिले के कोटद्वार क्षेत्र में लगी इस आग ने देखते ही देखते बड़ी संख्या में वन संपदा को अपनी चपेट में ले लिया है। आग की भयावह लपटों को देखकर दिल दहल उठता है। बताया जा रहा है कि इस विनाशकारी आग के पीछे किसी असामाजिक तत्व का हाथ होने की आशंका है।
कोटद्वार के जंगलों में आग से हड़कंप
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, कोटद्वार के घने जंगलों में आग तेजी से फैल रही है और पेड़-पौधों के साथ-साथ वन्य जीवों के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है। जैसे ही आग की सूचना मिली, लैंसडौन वन प्रभाग की पूरी टीम आग पर काबू पाने के प्रयास में जुट गई है। अग्निशमन दल भी मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
असामाजिक तत्वों पर पड़ताल शुरू
वन विभाग ने प्रारंभिक जांच के बाद संदेह जताया है कि आग जानबूझकर लगाई गई हो सकती है। फिलहाल, यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि इस घटना के पीछे कौन लोग जिम्मेदार हैं। वन विभाग के अधिकारी घटना स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रहे हैं ताकि दोषियों का जल्द से जल्द पता लगाया जा सके।
भारी नुकसान का अंदेशा
प्राकृतिक संपदा को भारी नुकसान होने की आशंका है। पेड़, औषधीय पौधे और वन्य जीव इस भीषण दावानल की चपेट में आ गए हैं। यदि समय रहते आग पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो नुकसान की भयावहता और भी अधिक हो सकती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर गर्मी के इस मौसम में एहतियात नहीं बरती गई, तो दावानल की घटनाएं और बढ़ सकती हैं।
उत्तराखंड में जंगलों में आग की घटनाओं पर चिंता
गौरतलब है कि हर साल गर्मी के मौसम में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं। जलवायु परिवर्तन, मानवीय लापरवाही और असामाजिक गतिविधियां इन दावानलों के प्रमुख कारण बनते हैं। सरकार और वन विभाग बार-बार अपील कर रहे हैं कि जंगलों की सुरक्षा में सभी नागरिक सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें।





