नई दिल्ली। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेलवे की अभूतपूर्व प्रगति पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। रेलवे वैश्विक निर्यात, रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार के नए आयाम स्थापित कर रहा है, जिससे भारत की रेलवे प्रणाली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही है।
रेलवे की प्रमुख उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं:
1. भारतीय रेलवे का वैश्विक निर्यात बढ़ा
मेट्रो कोच: ऑस्ट्रेलिया
बोगियां: यूके, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया
प्रोपल्शन सिस्टम: फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी, इटली
यात्री कोच: मोज़ाम्बिक, बांग्लादेश, श्रीलंका
इंजन (लोकोमोटिव): मोज़ाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश
जल्द ही ‘मेड इन बिहार’ लोकोमोटिव का वैश्विक निर्यात शुरू होगा।
2. तकनीकी नवाचार और संरक्षा में वृद्धि
स्वदेशी ‘कवच’ ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 10,000 इंजनों और 15,000 रूट किमी पर लागू होगी।एलएचबी कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी ताकि यात्रियों को अधिक सुरक्षा और आराम मिले। फॉग डिवाइस, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और थिक वैब स्विच जैसी तकनीकों का विस्तार किया जाएगा।
3. रोजगार में ऐतिहासिक वृद्धि
पिछले 10 वर्षों में 5 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिला। वर्तमान में 1 लाख से अधिक नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया जारी, जिसमें लोको पायलट की भी भर्ती शामिल।
4. प्रयागराज महाकुंभ 2025: रेलवे की ऐतिहासिक सेवा
16,000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं। 4.5 करोड़ से 5 करोड़ श्रद्धालुओं को प्रयागराज लाने-ले जाने की व्यवस्था की गई। रेलवे, सिविल डिफेंस, RPF, GRP, इंजीनियरिंग, विद्युत और यांत्रिक विभागों ने सराहनीय समन्वय किया।
5. भीड़ नियंत्रण के लिए नई व्यवस्थाएं
60 व्यस्त रेलवे स्टेशनों पर परमानेंट वेटिंग एरिया बनाए जाएंगे, जिससे प्लेटफॉर्म पर अनावश्यक भीड़ कम होगी। बड़े स्टेशनों पर ‘वॉर रूम’ विकसित किए जाएंगे, जहां अधिकारी भीड़ प्रबंधन पर नजर रखेंगे।
6. आधुनिक ट्रेनों का विस्तार
200 वंदे भारत ट्रेनें, 100 अमृत भारत ट्रेनें, 50 नमो भारत रैपिड रेल, 17,500 गैर-एसी कोच सामान्य श्रेणी यात्रियों के लिए
7. रेलवे संरक्षा के लिए ऐतिहासिक बजट
₹1.16 लाख करोड़ का बजट संरक्षा उपायों के लिए आवंटित।, रेलवे क्रॉसिंग सुरक्षा, इंटरलॉकिंग और अन्य संरक्षा तकनीकों का विस्तार।
भारतीय रेलवे की ऐतिहासिक प्रगति: वैश्विक निर्यात और रोजगार के नए आयाम
भारतीय रेलवे वैश्विक निर्यात, रोजगार सृजन और तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल कर रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में रेलवे की प्रगति और आगामी योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं।
भारतीय रेलवे की प्रमुख उपलब्धियां और योजनाएं:
1. भारतीय रेलवे का वैश्विक निर्यात बढ़ा
मेट्रो कोच: ऑस्ट्रेलिया, बोगियां: यूके, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, प्रोपल्शन सिस्टम: फ्रांस, मैक्सिको, रोमानिया, स्पेन, जर्मनी, इटली, यात्री कोच: मोज़ाम्बिक, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंजन (लोकोमोटिव): मोज़ाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश जल्द ही ‘मेड इन बिहार’ लोकोमोटिव का निर्यात शुरू होगा, जिससे भारत की वैश्विक पहचान और मजबूत होगी।
2. आधुनिक तकनीक और संरचना में विस्तार
तमिलनाडु में निर्मित रेलवे पहियों (Forged Wheel) का वैश्विक निर्यात जल्द शुरू होगा। चिनाब ब्रिज में उपयोग किए गए 30,000 टन स्टील का वजन 4 एफिल टावर के बराबर है, जो भारत की अभूतपूर्व इंजीनियरिंग क्षमता को दर्शाता है।
3. रेलवे में रोजगार के नए अवसर
पिछले 10 वर्षों में 5 लाख से अधिक नौकरियां दी गईं। वर्तमान में 1 लाख से अधिक नौकरियों की भर्ती प्रक्रिया जारी, जिसमें लोको पायलट की भर्ती भी शामिल है।
भारतीय रेलवे की वित्तीय मजबूती और ऐतिहासिक उपलब्धियां
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति, सब्सिडी, सुरक्षा, वैश्विक निर्यात और भविष्य की योजनाओं को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि रेलवे लगातार अपनी सेवाओं का विस्तार कर रहा है और यात्री सुविधाओं को पहले से अधिक सब्सिडी प्रदान कर रहा है।
भारतीय रेलवे की प्रमुख उपलब्धियां और योजनाएं:
1. ट्रेन किराए में दी जा रही सब्सिडी
रेलवे की प्रति किलोमीटर यात्रा लागत ₹1.38 है, लेकिन यात्रियों से केवल 73 पैसे वसूले जाते हैं, जिससे 47% की सब्सिडी दी जा रही है। 2022-23 में ₹57,000 करोड़ की सब्सिडी यात्रियों को दी गई, जो 2023-24 में बढ़कर ₹60,000 करोड़ हो गई।
2. भारतीय रेलवे का वैश्विक निर्यात
मेट्रो कोच: ऑस्ट्रेलिया, यात्री कोच: मोज़ाम्बिक, बांग्लादेश, श्रीलंका लोकोमोटिव (इंजन): मोज़ाम्बिक, सेनेगल, श्रीलंका, म्यांमार, बांग्लादेश, बोगियां: यूके, सऊदी अरब, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, प्रोपल्शन सिस्टम: फ्रांस, मैक्सिको, जर्मनी, स्पेन, रोमानिया, इटली जल्द ही बिहार के मढौरा कारखाने में बने लोकोमोटिव का निर्यात शुरू होगा।
3.भारतीय रेलवे बना वैश्विक रेल उत्पादक अग्रणी
भारत ने 1,400 लोकोमोटिव का उत्पादन किया, जो अमेरिका और यूरोप के संयुक्त उत्पादन से अधिक है। 2 लाख नए वैगन रेलवे बेड़े में जोड़े गए। 31 मार्च 2025 तक 1.6 बिलियन टन कार्गो ढोकर भारत दुनिया के टॉप-3 देशों (चीन, अमेरिका, भारत) में शामिल होगा।
4. रेलवे में सुरक्षा और संरक्षा सुधार
41,000 LHB कोच तैयार किए गए, और प्रधानमंत्री मोदी के तीसरे कार्यकाल में सभी ICF कोच LHB में बदले जाएंगे। लंबी रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और ‘कवच’ प्रणाली तेजी से लागू की जा रही है। रेलवे संरक्षा पर ₹2.5 लाख करोड़ का निवेश, जो पहले केवल ₹25,000 करोड़ था।
5. रेलवे में रोजगार और यात्री सुविधाओं का विस्तार
पिछले 10 वर्षों में 5 लाख नई नौकरियां दी गईं। 50 ‘नमो भारत’ ट्रेनों का निर्माण जारी, जिसमें AC और नॉन-AC विकल्प होंगे। 17,000 नॉन-AC जनरल कोचों के निर्माण की योजना, ताकि गरीब और आम यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिल सकें।
6. रेलवे की हरित पहल: नेट जीरो लक्ष्य
रेलवे 2025 तक ‘Scope 1 नेट जीरो’ और 2030 तक ‘Scope 2 नेट जीरो’ हासिल करेगा। रेलवे विद्युतीकरण से ऊर्जा खर्च स्थिर हुआ है, जिससे पर्यावरण अनुकूल रेलवे का निर्माण हो रहा है।
7. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन हादसे पर कार्रवाई
हाई-लेवल कमेटी द्वारा जांच जारी। CCTV फुटेज सुरक्षित, 300 लोगों से पूछताछ हो रही है। भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए 10 महत्वपूर्ण सुधार लागू।
मंत्री का बयान:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा:
“हमारा कमिटमेंट गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए है। भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत है और यात्रियों को किफायती, सुरक्षित और आधुनिक सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।” रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारतीय रेलवे का यह विकास आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। वैश्विक निर्यात, संरक्षा और तकनीकी उन्नति के साथ रेलवे देश को आत्मनिर्भर और प्रगति की ओर ले जा रहा है।” रेल मंत्री ने कहा, “भारतीय रेलवे का यह विकास आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है। वैश्विक निर्यात, संरक्षा और तकनीकी उन्नति के साथ रेलवे देश को आत्मनिर्भर और प्रगति की ओर ले जा रहा है।”