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भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था: GDP वृद्धि, स्टार्टअप बूम और डिजिटल क्रांति ने बढ़ाया वैश्विक प्रभाव

भारत की अर्थव्यवस्था 7% की दर से बढ़ने और 1.51 लाख से अधिक स्टार्टअप्स के साथ नए मुकाम छू रही है। दुनिया की सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत और चीन का नाम सबसे पहले आता है, लेकिन भारत की हालिया प्रगति ने वैश्विक मंच पर इसे नए सिरे से स्थापित किया है। हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित इंडिया लीडरशिप समिट में दोनों देशों की आर्थिक स्थिति पर गहन चर्चा हुई।

अर्थव्यवस्था में भारत का दबदबा

अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी फोरम के अध्यक्ष जॉन चैंबर्स ने भारत के आर्थिक विकास पर टिप्पणी करते हुए कहा, “इस सदी के अंत तक भारत GDP के मामले में चीन को पीछे छोड़ देगा और यह लगभग 100% बड़ा हो जाएगा।” उनका यह दावा हाल के वर्षों में लागू की गई नीतियों और सुधारों से प्रेरित है।

वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की GDP 7% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो इसे दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनाता है। 2022-23 में 7% वृद्धि दर के बाद 2023-24 में GDP 8.2% तक पहुंची। इसके विपरीत, चीन की विकास दर धीमी होकर 2024 में 4.8% और 2025 में 4.3% रह जाएगी, जिससे भारत की प्रगति और मजबूत दिख रही है।

मजबूत शेयर बाजार और निवेश में उछाल

सेबी के सदस्य अनंत नारायण ने एनएसई के निवेशक जागरूकता सप्ताह में भारतीय बाजारों के प्रभावशाली प्रदर्शन पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारतीय बाजारों ने औसतन 15% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की है, जबकि चीन के बाजार लगभग स्थिर रहे हैं। वित्त वर्ष 2024 में भारतीय सूचकांकों में 28% की बढ़ोतरी और 10% की कम अस्थिरता ने बाजार को जोखिम और रिटर्न का आदर्श संतुलन दिया है।

डिजिटल इंडिया: अर्थव्यवस्था की रीढ़

भारत की डिजिटल क्रांति का नेतृत्व डिजिटल इंडिया पहल ने किया, जिसे 2015 में लॉन्च किया गया था। यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) ने डिजिटल लेन-देन के क्षेत्र में क्रांति ला दी है। 2017-18 में 92 करोड़ लेन-देन की तुलना में 2023-24 में यह आंकड़ा 13,116 करोड़ तक पहुंच गया। इसके अलावा, COVID-19 महामारी के दौरान कोविन प्लेटफॉर्म ने 220 करोड़ से अधिक टीके लगाने में मदद की, जिससे भारत का डिजिटल स्वास्थ्य ढांचा और मजबूत हुआ।

स्टार्टअप इकोसिस्टम और रोजगार में बढ़ोतरी

भारत में स्टार्टअप का जबरदस्त विकास हुआ है। 1.51 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ, भारत अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है। स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत 15.5 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां उत्पन्न हुई हैं। 2015 से 2022 के बीच स्टार्टअप में निवेश में 15 गुना बढ़ोतरी ने एक मजबूत उद्यमशीलता माहौल तैयार किया है।

AI में बढ़ता प्रभाव

भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में भी मजबूत उपस्थिति दर्ज की है। सरकार ने AIforIndia 2.0 पहल शुरू की और 2024 में ग्लोबल इंडिया AI शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। जॉन चैंबर्स का कहना है, “भारत ने AI में मजबूत नींव रखी है, जो भविष्य के कार्यबल को आकार देगी।” इस शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से 12,000 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया, जो इस क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

समावेशी विकास की दिशा में मजबूत कदम

भारत की प्रगति केवल GDP वृद्धि तक सीमित नहीं है। प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत अब तक 53 करोड़ से अधिक बैंक खाते खोले गए हैं, जिससे लाखों लोगों को औपचारिक बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा गया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (PMAY-U) के तहत 1.18 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई, जिसमें 87.25 लाख घर पहले ही बनाकर वितरित किए जा चुके हैं।

भविष्य की ओर भारत का आत्मविश्वास

जॉन चैंबर्स का मानना है कि भारत अगले 25 वर्षों के लिए मजबूत नींव रख रहा है। उन्होंने कहा, “डिजिटल टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप्स, AI और समावेशी विकास पर फोकस के साथ भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में निर्णायक भूमिका निभाएगा।”

भारत का आर्थिक सफर केवल ऊंचाइयों तक पहुंचने का नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने का है कि हर नागरिक इस विकास यात्रा का हिस्सा बने। सही नीतियों, तकनीकी नवाचारों और समावेशी दृष्टिकोण के साथ भारत न केवल आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है, बल्कि एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण कर रहा है जहां कोई भी पीछे न छूटे।

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