Jammu-Kashmir और Haryana चुनाव: निर्दलीयों और छोटे दलों पर BJP की नजर, सबसे बड़ा दल बनकर सरकार बनाने की तैयारी

नई दिल्ली: भाजपा की निगाहें जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनावी नतीजों पर टिकी हैं, जो मंगलवार को घोषित होने हैं। पार्टी का फोकस इस बार बागी, निर्दलीय और छोटे दलों पर है। अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरती है, तो इन दलों और उम्मीदवारों को साथ मिलाकर सरकार बनाने की कोशिश करेगी। भाजपा को उम्मीद है कि जम्मू संभाग में 30 के करीब सीटें मिल सकती हैं, जबकि कश्मीर संभाग में पीडीपी की कमजोर स्थिति को देखते हुए संभावनाएं तलाश रही है।

जम्मू-कश्मीर में भाजपा की रणनीति: निर्दलीयों और छोटे दलों से मिल सकता है समर्थन

जम्मू-कश्मीर में भाजपा की रणनीति पूरी तरह से निर्दलीयों और छोटे दलों के प्रदर्शन पर निर्भर है। एग्जिट पोल के मुताबिक, जम्मू संभाग में भाजपा को 30 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि कश्मीर संभाग में पीडीपी का प्रदर्शन कमजोर होने का अनुमान है। अगर कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन कमजोर पड़ता है, और निर्दलीय व बागी उम्मीदवार बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो भाजपा के लिए संभावनाओं का द्वार खुल सकता है।

जमात और अवामी इत्तिहाद पार्टी (AIP) पर भाजपा का रुख बदलेगा?

सूत्रों के अनुसार, भाजपा ने जमात और रशीद इंजीनियर की अवामी इत्तिहाद पार्टी (AIP) पर अपने रुख में बदलाव के संकेत दिए हैं। पार्टी रणनीतिकार का कहना है कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद सभी दल भारतीय संविधान को मानते हुए चुनाव में उतरे हैं। भाजपा का उद्देश्य नतीजों के बाद ऐसी पार्टियों का रुख समझना और जरूरत पड़ने पर गठबंधन की संभावनाओं को टटोलना है। अगर भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में सामने आती है, तो इन दलों के समर्थन से सरकार बनाने का प्रयास करेगी।

हरियाणा: त्रिशंकु विधानसभा पर टिकी भाजपा की नजर

हरियाणा में भाजपा की रणनीति त्रिशंकु विधानसभा पर आधारित है। पार्टी के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि अगर किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है और भाजपा 30 सीटों के आसपास प्रदर्शन करती है, तो वह गठबंधन बनाकर सत्ता में आने की कोशिश करेगी। कांग्रेस के बहुमत से चूकने पर सीएम पद के लिए विवाद की स्थिति भी भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकती है।

कोर वोटर्स को साधने में लगी भाजपा, चमत्कार की उम्मीद

इस बार हरियाणा में भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने कोर वोटर्स पर ज्यादा ध्यान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो और रैलियों की संख्या भी सीमित रही। इससे साफ है कि पार्टी ने पहले ही नाउम्मीद होकर अपनी रणनीति में बदलाव किया है और सीटों के बंटवारे में चमत्कार की उम्मीद कर रही है।

भाजपा की रणनीति: सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर बनाएगी सरकार

अगर भाजपा जम्मू-कश्मीर और हरियाणा, दोनों ही राज्यों में सबसे बड़ा दल बनकर उभरती है, तो वह निर्दलीयों और छोटे दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की कोशिश करेगी। जम्मू-कश्मीर में भाजपा को जम्मू संभाग की सीटों पर ज्यादा उम्मीद है, जबकि कश्मीर संभाग में पीडीपी की कमजोर स्थिति से फायदा मिलने की संभावना है। हरियाणा में भाजपा का सारा ध्यान त्रिशंकु जनादेश पर है, जहां पार्टी के पास छोटे दलों और निर्दलीयों के साथ गठजोड़ कर सरकार बनाने की योजना है।

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