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कंगना रनौत के किसान कानूनों पर दिए बयान से मचा सियासी बवाल, बीजेपी ने जताया पल्ला, कांग्रेस ने उठाए सवाल

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की लोकसभा सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत एक बार फिर विवादों में हैं। इस बार किसान कानूनों पर दिए गए उनके बयान से सियासत गरमा गई है। कंगना के इस बयान पर कई राजनीतिक दलों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने कंगना के बयान से खुद को अलग कर लिया है, वहीं कांग्रेस ने उन पर निशाना साधा है।

### बीजेपी का बयान: कंगना की निजी राय
बीजेपी नेता गौरव भाटिया ने कंगना के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि यह उनकी निजी राय है और इसका पार्टी से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “कंगना रनौत बीजेपी की तरफ से अधिकृत नहीं हैं और यह बयान कृषि कानूनों पर पार्टी के आधिकारिक रुख को नहीं दर्शाता। हम उनके बयान को अस्वीकार करते हैं।”

### कांग्रेस ने उठाए सवाल
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कंगना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह सोचने का विषय है कि कंगना को कौन बढ़ावा दे रहा है? यह महिला किसानों को आतंकवादी कह चुकी है और अब फिर से विवादास्पद बयान दे रही है। बीजेपी की मौन सहमति इसमें नजर आती है।”

### अन्य पार्टियों की प्रतिक्रिया
जनता दल यूनाइटेड के सीनियर लीडर केसी त्यागी ने कहा, “कंगना का बयान किसानों का अपमान है। बीजेपी को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। यह प्रधानमंत्री मोदी के फैसले का अपमान भी है।”

### कंगना की सफाई
कंगना ने सोशल मीडिया पर कहा कि किसान कानूनों पर उनके विचार निजी हैं और वे बीजेपी के आधिकारिक रुख को नहीं दर्शाते। हिमाचल प्रदेश के मंडी में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, “तीन कृषि कानूनों को वापस लाना चाहिए क्योंकि वे किसानों के हित में थे।”

### कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर कंगना के बयान का वीडियो शेयर करते हुए कहा, “कंगना ने उन काले कानूनों की वापसी की बात की है, जिनके कारण देश के 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए थे। कांग्रेस किसानों के साथ खड़ी है और इन कानूनों की वापसी अब कभी नहीं होगी।”

इस बयानबाजी से यह साफ है कि कंगना रनौत के किसान कानूनों पर दिए गए बयान ने राजनीतिक हलकों में एक नई बहस छेड़ दी है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पर अपनी-अपनी राय जाहिर की है।

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