#महाकुंभ_प्रयागराज 2025: आस्था और संस्कृति का महासमागम शुरू, विदेशी श्रद्धालुओं ने भी महसूस की भारत की शक्ति

पौष पूर्णिमा स्नान के साथ महाकुंभ का भव्य शुभारंभ

प्रयागराज । आज तीर्थराज प्रयागराज में पवित्र पौष पूर्णिमा अमृत स्नान के साथ विश्व के सबसे बड़े आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया। संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं ने माँ गंगा में डुबकी लगाकर इस महासमागम में अपनी आस्था और सहभागिता का प्रारंभ किया।

संगम पर जीवंत हुआ भारतीय संस्कृति का दिव्य स्वरूप

प्रयागराज के संगम तट पर आज भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अद्वितीय दृश्य देखने को मिला। विश्व की प्राचीनतम संस्कृति अपने दिव्य और भव्य स्वरूप में आज यहां जीवंत हो उठी। श्रद्धालुओं और साधु-संतों का आगमन इस बात का प्रतीक है कि यह महासमागम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है।

विदेशी श्रद्धालुओं ने भी महसूस की भारत की शक्ति

महाकुंभ के इस अद्वितीय आयोजन में विदेशों से आए श्रद्धालु भी भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुए। रूस से आई एक श्रद्धालु ने कहा:
“मेरा भारत महान! यहां हमने असली भारत और इसकी ताकत को देखा। यह एक अद्वितीय अनुभव है, और मुझे भारत से प्रेम हो गया है।”

आशाओं और आस्थाओं का स्वागत

महाकुंभ में पधारे सभी श्रद्धालुओं, साधु-संतों और कल्पवासियों का हृदय से स्वागत है। माँ गंगा की यह पावन धारा सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करे और भारतीय संस्कृति का यह महासमागम विश्व को एकता का संदेश दे।

प्रयागराज महाकुंभ 2025 न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक ऐसा अवसर है, जहां आस्था, आध्यात्मिकता और संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

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