नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच हो रही राजनीति कई बार रोचक होती नजर आती है। कुछ लोगों को याद होगा वर्ष 2019 में सीएम ममता बनर्जी ने कहा था हम मिट्टी से मिठाई बनाएंगे और उसमें कंकड़ डालेंगे जैसे लड्डू में काजू और किशमिश डाला जाता है, ताकि इस मिठाई को खाने के बाद उनके दांत टूट जाए।
इस पर पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए हुगली जिले के श्रीरामपुर में चुनावी सभा में कहा था कि दीदी (ममता बनर्जी) मैं आपके लड्डू का इंतजार करूंगा। बंगाल की मिट्टी जहां रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, चैतन्य माहप्रभु जैसे मनीषियों, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जगदीश चंद्र बोस, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसे क्रांतिकारी पुरुषों के चरण रज पड़े हो, उसका लड्डू खाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। मेरे लिए वह पवित्र प्रसाद होगा। ऐसा पवित्र प्रसाद सबके नसीब में नहीं होता। अब ममता ने पीएम को मछली का न्यौता दिया है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मछली खिलाने का ऑफर किया है। पीएम मोदी पर तंज कस और तेजस्वी-मुकेश सहनी के मछली प्रकरण को आगे बढ़ाकर ममता ने बंगाल का चुनावी मेन्यू सेट कर दिया है। ममता बनर्जी ने मछली विवाद को फिर से जिंदा कर दिया, जब उन्होंने कहा, ‘अगर वह (मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए खाना पकाने को तैयार हूं लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि मोदी उनके हाथ का पका खाना खाएंगे या नहीं।’ टीएमसी सुप्रीमो ममता ने आगे कहा, ‘मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन और मछली-करी जैसा मांसाहारी व्यंजन दोनों पसंद है। हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों के अपने अनूठे रीति-रिवाज और खान-पान की आदतें हैं। भाजपा कौन होती है किसी व्यक्ति की खान-पान की आदतों पर पाबंदी लगाने वाली? यह दर्शाता है कि भाजपा नेतृत्व को भारत और इसके लोगों की विविधता और समावेशिता के बारे में बहुत कम जानकारी और समझ है।’
ममता की यह पेशकश पीएम मोदी के उस बयान के बाद आई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी यादव पर मछली खाने को लेकर कटाक्ष किया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मछली विवाद को लेकर पीएम मोदी के हालिया बयान पर तंज कसते हुए कहा, ‘अगर वह (मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए खाना पकाने को तैयार हूं लेकिन वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि मोदी उनके हाथ का पका खाना खाएंगे या नहीं। मैं बचपन से खाना पका रही हूं। लोग मेरे खाने की तारीफ करते हैं लेकिन क्या मोदी जी मेरा खाना स्वीकार करेंगे? क्या वह (मोदी) मुझपर विश्वास करेंगे? उन्हें (मोदी) जो पसंद हो मैं पकाउंगी।’दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने राजद नेता तेजस्वी यादव पर ऐसे समय में मछली खाने को लेकर कटाक्ष किया था, जिस दौरान हिंदू मांसाहार के सेवन से परहेज करते हैं। अप्रैल महीने में पीएम नरेंद्र मोदी ने तेजस्वी यादव के उस वीडियो को लेकर हमला बोला था, जिसमें वह मछली खा रहे थे। उन्होंने जम्मू कश्मीर के उधमपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि नवरात्र के दिन में कुछ लोग नॉनवेज खा रहे हैं और भावना भड़काने के लिए वीडियो दिखा रहे हैं। कुछ लोग देश की भावना को आहत करते हैं। इनकी मुगलिया सोच है। जानबूझकर इसलिए करते हैं क्योंकि यहां देश की मान्यताओं पर हमला हो। ममता की इस पेशकश से बंगाल की सियासत में खलबली मच गई है। एक ओर जहां भाजपा ने इसे ‘राजनीतिक एजेंडा’ करार दिया है, वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने ममता की इस पेशकश को टीएमसी और भाजपा के बीच ‘सहमति’ बताया है। माना जा रहा है कि बंगाल की सियासत में आगामी चरणों में ममता बनर्जी के इस बयान की गूंज खूब सुनाई देगी।
ममता की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए माकपा नेता विकास भट्टाचार्य ने कहा, ‘भाई और बहन होने के नाते, ममता दीदी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के लिए भोजन पकाने की पेशकश कर सकती हैं, मुझे नहीं पता कि यह उन्हें खुश करने के लिए है या नहीं।’ भट्टाचार्य भाजपा और टीएमसी के बीच कथित गुप्त समझौते के संदर्भ में टिप्पणी कर रहे थे। वामदल और कांग्रेस की बंगाल इकाई तृणमूल और भाजपा के बीच गुप्ता समझौते का आरोप लगा रहे हैं। भट्टाचार्य ने कहा, ‘ममता बनर्जी और नरेन्द्र मोदी दोनों ही देश को इस स्थिति में लाने के लिए जिम्मेदार हैं। दोनों राजनीति को धर्म के साथ मिला रहे हैं। दरअसल, लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान चैत नवरात्र के समय बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक्स पर एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह हेलिकॉप्टर में मछली के साथ रोटी और नमक प्याज खा रहे थे। इस दौरान उनके साथ वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी भी थे। इस वीडियो पर भाजपा ने तेजस्वी यादव पर हमला बोला था और सवाल उठाया था कि नवरात्र में तेजस्वी यादव ने मछली खाई और इसे हिंदुओं की भावना के खिलाफ बताया था। हालांकि, वीडियो के पोस्ट में आठ तारीख लिखा गया था, जिसे लेकर बाद में तेजस्वी यादव ने भाजपा पर पलटवार किया था।
ममता ने इस बहाने भाजपा को घेरने की कोशिश की है। फिलहाल, ममता के बयान पर भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, ‘ममता बनर्जी, मोदी जी को अपने हाथ की बनी मछली और चावल खिलाना चाहती हैं। अच्छा प्रस्ताव है, लेकिन उससे पहले वह अपने विश्वस्त फिरहाद हकीम को सुअर का मांस खिलाएं? इससे तीन उद्देश्य पूरे होंगे, पहला धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा, दूसरा लोगों को मालूम पड़ेगा कि कोई भी चीज घर से शुरू होती है और तीसरा पकौड़े की भी प्रशंसा हो जाएगी।’
वहीं, भाजपा नेता संकुदेब पांडा ने दावा किया कि ममता ने जानबूझकर पीएम मोदी को यह जानते हुए आमंत्रित किया कि वह पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं। उन्होंने कहा, ‘यह और कुछ नहीं बल्कि प्रधानमंत्री को घेरने की उनकी चाल है। वह जानती हैं कि प्रधानमंत्री कभी मछली या मांसाहार का सेवन नहीं करेंगे। अगर वह (ममता) मानती हैं कि हर किसी को वह खाने की अनुमति दी जाए, जो उसे पसंद हो तो क्यों वह किसी की आहार संबंधी आदतों के बारे में मोदीजी की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रही हैं? वह कट्टर सनातनी हिंदुओं का अपमान कर रही हैं।’