विधेयक राज्यपाल को भेजेंगे, मंजूरी में देरी हुई तो राजभवन पर देंगे धरना
कोलकाता,। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार की नीति ‘बलात्कार जैसी घटनाओं को बर्दाश्त न करने की है और इन मामलों से संबंधित कानूनों में संशोधन करने के लिए अगले सप्ताह विधानसभा में एक विधेयक पास किया जाएगा, ताकि दुष्कर्म के आरोपियों को मौत की सजा तय की जा सके। ममता ने कहा कि यदि राज्यपाल संशोधित विधेयक को मंजूरी देने में देरी करते हैं या इसे अनुमोदन के लिए राष्ट्रपति के पास भेजते हैं तो वह राजभवन के बाहर धरना देंगी।
सीएम ममता ने कहा कि टीएमसी राज्य में शनिवार से जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू करने जा रही है, ताकि दुश्कर्म के आरोपियों को मौत की सजा देने का कानून पारित करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाया जा सके। उन्होंने टीएमसी छात्र परिषद की स्थापना दिवस पर आयोजित रैली में कहा कि हम अगले सप्ताह विधानसभा के विशेष सत्र में संशोधन विधेयक पारित करेंगे। फिर हम इसे मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर उन्होंने विधेयक को लटकाए रखा तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे।
सीएम ममता ने बंगाल के प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। ये उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के इस मुद्दे के प्रति शुरू से ही मेरी सहानुभूति रही है, क्योंकि वे अपनी सहकर्मी के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। घटना के इतने दिन बीत जाने के बावजूद हमने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हम आपका दर्द समझते हैं, लेकिन आप काम पर लौट आएं, क्योंकि मरीज परेशान हो रहे हैं।
ममता ने आरोप लगाया कि बीजेपी एआई का उपयोग कर बड़े पैमाने पर साइबर अपराध कर रही है जिससे सामाजिक अशांति फेल रही है। बीजेपी ने ‘नबान्न अभियान में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को ‘बंगाल बंद का आह्वान किया था। सीएम ने ‘नबान्न अभियान के दौरान ‘‘हिंसा का मुकाबला करने के लिए पुलिस कर्मियों की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस ने उन बीजेपी समर्थित संगठनों के उकसावे के बावजूद संयम से काम लिया, जो हत्या करना चाहते थे। उन पर हुए हमलों में शारीरिक चोटें लगने और खून बहने के बावजूद पुलिस उकसावे का शिकार नहीं हुई।