New dehli . मोहन पी. तिवारी की नियुक्ति राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में न्यायिक सदस्य के रूप में, उनके उत्कृष्ट न्यायिक करियर और अनुभव का प्रमाण है। गुना जिले के कलाबाग गाँव के निवासी तिवारी ने अपनी शिक्षा स्थानीय स्तर पर प्राप्त की और बाद में गुना के सरकारी पीजी कॉलेज से विज्ञान और कानून की डिग्रियाँ हासिल की।
न्यायिक सेवा में उनका कार्यकाल 1994 से शुरू हुआ, जब उन्हें सिविल जज के रूप में नियुक्त किया गया। उन्होंने विभिन्न न्यायिक पदों पर कार्य करते हुए अपने निडर और निष्पक्ष दृष्टिकोण के लिए पहचान बनाई। 2022 में प्रधान जिला न्यायाधीश के पद से सेवानिवृत्ति के समय, उन्होंने न्यायिक क्षेत्र में अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से कई महत्वपूर्ण कार्य किए।
साल 2010 में भोपाल गैस कांड के मामले में उनके द्वारा दिया गया निर्णय महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक माना जाता है। इस मामले में उनकी कुशलता और निष्पक्षता ने उन्हें न्यायिक समुदाय में अलग पहचान दिलाई।
निवृत्ति के बाद उनकी नियुक्ति NCLT में न्यायिक सदस्य के रूप में, यह दर्शाता है कि उनकी अनुभव और दृष्टिकोण का लाभ अब कंपनी कानून के क्षेत्र में भी लिया जा सकेगा। यह उनके लिए और उनके कार्यों के प्रति सम्मान का एक परिचायक है और निश्चित ही, उन्हें इस नई भूमिका में भी सफलता मिलेगी। उनके द्वारा न्याय के प्रति जारी रखा गया यह समर्पण और कर्तव्य निश्चय ही न्यायिक प्रणाली को और मजबूत करेगा।