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मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में मनाई गई मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती

भोपाल – उत्तर प्रदेश के बनारस के निकट ग्राम लमही में 31 जुलाई 1880 को जन्मे आधुनिक काल के प्रसिद्ध कहानीकार और उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

### कार्यक्रम का शुभारंभ

मंडल रेल प्रबंधक श्री देवाशीष त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलन और मुंशी प्रेमचंद के चित्र पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्वागत भाषण अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक श्रीमती रश्मि दिवाकर ने दिया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में इटारसी से डॉ. श्रीमती दमयंती सैनी, वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी को आमंत्रित किया गया।

### मुंशी प्रेमचंद का साहित्यिक योगदान

उपस्थित अन्य कर्मचारियों ने मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला और उनकी कहानियों और उपन्यासों का पाठ किया। मंडल रेल प्रबंधक ने अपने संबोधन में कहा कि मुंशी प्रेमचंद का जीवन संघर्षमय रहा है, लेकिन उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी साहित्य जगत में अद्वितीय स्थान बनाया। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि हमें अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।

### सम्मान और संकल्प

मंडल रेल प्रबंधक ने अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मुंशी प्रेमचंद का सम्मान करते हुए हम कहानी कहने की शक्ति और समाज को बदलने की इसकी क्षमता का सम्मान करते हैं। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि प्रेमचंद के शब्दों में व्यक्त सच्चाइयों को अपनाकर उनकी भावना को जीवित रखने का संकल्प लें।

### विशेष उपस्थिति

इस अवसर पर अपर मुख्य राजभाषा अधिकारी एवं अपर मंडल रेल प्रबंधक (प्रशासन) श्रीमती रश्मि दिवाकर, अपर मंडल रेल प्रबंधक श्री योगेश सक्सेना, मुख्य परियोजना प्रबंधक श्री के एल मीना, राजभाषा प्रभारी अधिकारी/सहायक सामग्री प्रबंधक श्री प्रदीप कुंडलकर और मंडल कार्यालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन श्रीमती हर्षा मुसलगावकर, वरिष्ठ अनुवादक द्वारा किया गया।

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