नई दिल्ली। दिल्ली के पत्रकार कृष्ण कांत ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने बीजेपी के 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने के निर्णय पर कड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने इसे लेकर कई विवादास्पद बातें कही हैं, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई हैं।
कृष्ण कांत ने अपनी पोस्ट में कई दिन को लेकर बीजेपी पर कटाक्ष किया और लिखा:
– **अंग्रेज दलाली दिवस**: जिस दिन सावरकर ने माफी मांग कर जेल से रिहाई पाई और आंदोलन से हट गए।
– **राष्ट्रीय कायर दिवस**: जिस दिन RSS की स्थापना हुई।
– **राष्ट्रीय गद्दार दिवस**: जिस दिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अंग्रेजों को चिट्ठी लिखी कि भारत छोड़ो आंदोलन को कुचल दो।
– **राष्ट्रीय भगोड़ा दिवस**: जिस दिन क्रांतिकारियों का नाम बताकर अटल बिहारी वाजपेयी रिहा हुए थे।
– **महात्मा गांधी हत्या दिवस**: सबको बताया जाए कि गांधी जी के हत्यारे कौन हैं।
– **संविधान के दुश्मन दिवस**: जिस दिन RSS के मुखपत्र में भारतीय संविधान के विरोध में लेख छपा।
– **नफरत पर प्रतिबंध दिवस**: जिस दिन सरदार पटेल ने RSS पर प्रतिबंध लगाया।
– **माफी मांगो दिवस**: जिस दिन RSS ने सरदार पटेल से माफी मांगी और फिर हुड़दंग न करने का हलफनामा दिया।
– **आपातकालीन माफी मांगो दिवस**: जिस दिन RSS प्रमुख ने इंदिरा गांधी को चिट्ठी लिखी।
– **राष्ट्रीय बंटवारा दिवस**: जिस दिन भाजपा की स्थापना हुई।
– **किसान नरसंहार दिवस**: जिस दिन तीन काले कानून आए।
– **अर्थव्यवस्था विध्वंस दिवस**: जिस दिन नोटबंदी लागू हुई।
कृष्ण कांत ने इन सभी टिप्पणियों के साथ ही कहा कि नकारात्मकता की कोई सीमा नहीं है और सवाल उठाया कि इससे 140 करोड़ लोगों को क्या मिलेगा?
कृष्ण कांत की इन टिप्पणियों ने राजनीतिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है और सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। बीजेपी समर्थकों ने इसे पार्टी के खिलाफ बेबुनियाद आरोप बताते हुए आलोचना की है, जबकि अन्य लोगों ने इसे एक साहसी कदम बताते हुए समर्थन किया है।