नितिन गडकरी ला रहे हैं AIMC तकनीक: हाईवे निर्माण में समय की बचत, गुणवत्ता में सुधार, जानें क्या है यह तकनीक

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जल्द ही राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में देरी को खत्म करने और निर्माण गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए ऑटोमेटेड और इंटेलिजेंट मशीन-असिस्टेड कंस्ट्रक्शन (AIMC) तकनीक लागू करने जा रहे हैं। इस तकनीक का उद्देश्य निर्माण प्रक्रिया को तेज, सटीक और कुशल बनाना है।

क्या है AIMC तकनीक?

AIMC यानी Automation, Intelligence, Mechanics, and Control। यह तकनीक निर्माण के हर चरण में रीयल-टाइम डेटा प्रदान करती है, जिससे प्रोजेक्ट की स्थिति की निगरानी तुरंत मंत्रालय और संबंधित पक्षों तक पहुंचाई जा सकती है। AIMC तकनीक में GPS-सक्षम मोटर ग्रेडर, इंटेलिजेंट कॉम्पेक्टर और स्ट्रिंगलेस पेवर जैसी मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है, जो मानव श्रम पर निर्भरता को कम करते हुए रात-दिन काम कर सकती हैं।

AIMC तकनीक की जरूरत क्यों?

निर्माण की गति में वृद्धि: पारंपरिक मशीनरी की तुलना में AIMC तकनीक तेजी से काम करती है।

बेहतर गुणवत्ता: निर्माण के दौरान रीयल-टाइम डेटा उपलब्ध होने से गुणवत्ता की निगरानी आसान हो जाती है।

समय सीमा का पालन: यह तकनीक प्रोजेक्ट्स को तय समय पर पूरा करने में मदद करती है।

लागत में कमी: श्रम और समय की बचत से प्रोजेक्ट लागत कम होती है।


419 परियोजनाएं लेट, AIMC है समाधान

हाल ही में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि मार्च 2024 तक 150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली 952 परियोजनाओं में से 419 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। इनमें देरी का कारण पुरानी तकनीक और ठेकेदारों का खराब प्रदर्शन है। AIMC इन समस्याओं का स्थायी समाधान प्रदान कर सकती है।

अवध एक्सप्रेसवे पर AIMC का पायलट प्रोजेक्ट

लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे पर AIMC तकनीक का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इसमें आधुनिक AI और GPS आधारित मशीनों का उपयोग किया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस सफल पायलट के बाद AIMC तकनीक को पूरे देश में लागू किया जाएगा।

कैसे काम करती हैं AIMC मशीनें?

AIMC मशीनें ऑटोमेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मैकेनिक्स और कंट्रोल का संयोजन हैं।

यह मशीनें रीयल-टाइम डेटा प्रदान करती हैं।

प्रत्येक चरण में निर्माण की प्रगति की जानकारी मंत्रालय और अन्य विभागों तक पहुंचाई जाती है।

इन मशीनों को प्रोजेक्ट की विशेष जरूरतों के अनुसार प्रोग्राम किया जाता है।


क्या होगा AIMC से फायदा?

हाईवे निर्माण में देरी को कम करना।

निर्माण प्रक्रिया को रात-दिन चालू रखना।

सटीकता और स्थायित्व में सुधार।

भारत को हाईवे निर्माण में एक नई तकनीकी क्रांति की ओर ले जाना।


AIMC को वैश्विक अनुभव से अपनाया गया

MoRTH (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) ने अमेरिका, नॉर्वे और यूरोपीय संघ के देशों के AIMC सिस्टम का अध्ययन किया है। इन देशों में इस तकनीक का इस्तेमाल पहले से हो रहा है, जिससे प्रोजेक्ट्स समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे हो रहे हैं।

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