Pig-butchering scam: A new way to defraud investors डिजिटल अरेस्ट पर पीएम मोदी की चेतावनी के बाद एक्शन में आई ईडी, साइबर घोटाले पर कसा शिकंजा
Pig-butchering scam: A new way to defraud investors
बेंगलुरु: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में डिजिटल अरेस्ट के खतरों से सावधान रहने की अपील की थी। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साइबर क्राइम की इस कैटेगरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एक मामले में चार्जशीट दाखिल की है। ईडी ने पिछले महीने बेंगलुरु में एक विशेष पीएमएलए कोर्ट में आठ आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की, जिन्होंने फर्जी आईपीओ आवंटन के जरिए लोगों को ठगा था।
साइबर घोटालों का बड़ा नेटवर्क
Pig-butchering scam: A new way to defraud investors ईडी की जांच में सामने आया है कि भारत में एक बड़ा साइबर घोटाला नेटवर्क सक्रिय है, जिसमें फर्जी शेयर बाजार निवेश और डिजिटल अरेस्ट जैसी साजिशें शामिल हैं। यह नेटवर्क मुख्य रूप से फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का इस्तेमाल कर लोगों को ठगता है।
पिग-बुचरिंग स्कैम: निवेशकों को ठगने का नया तरीका
Pig-butchering scam: A new way to defraud investors ईडी के अनुसार, इस शेयर बाजार निवेश घोटाले को “पिग-बुचरिंग स्कैम” कहा जाता है। इस घोटाले में स्कैमर्स पीड़ितों को उच्च रिटर्न के झूठे वादे देकर नकली वेबसाइटों और भ्रामक व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए अपने जाल में फंसाते हैं। ये समूह और वेबसाइटें असली और प्रतिष्ठित वित्तीय फर्मों से जुड़ी प्रतीत होती हैं, जिससे लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं।
I4सी ने जारी की एडवाइजरी, सावधान रहने की अपील
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4सी) ने भी इस संदर्भ में एडवाइजरी जारी की है, जिसमें लोगों को डिजिटल अरेस्ट से सावधान रहने की अपील की गई है। एडवाइजरी में कहा गया कि वीडियो कॉल करने वाले लोग पुलिस, सीबीआई, कस्टम अधिकारी या जज होने का दावा कर सकते हैं, लेकिन वे फर्जी हैं।
आठ गिरफ्तार, मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में केस दर्ज
ईडी ने कई पुलिस एफआईआर का अध्ययन करने के बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया और आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनका नाम चार्जशीट में शामिल है। इन गिरफ्तार लोगों में चरण राज सी, किरण एस के, शाही कुमार एम, सचिन एम, तमिलारासन, प्रकाश आर, अजित आर और अरविंदन के नाम शामिल हैं, साथ ही 24 संबंधित कंपनियों को भी जांच के घेरे में लिया गया है।
घोटाले में 159 करोड़ रुपये की धनराशि शामिल
ईडी के अनुसार, साइबर घोटाले के तहत धोखेबाजों ने 159 करोड़ रुपये की अवैध कमाई की है। आरोपियों ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए सैकड़ों सिम कार्डों का उपयोग किया, जिनमें से कई या तो शेल कंपनियों के बैंक खातों से जुड़े थे या व्हाट्सएप अकाउंट बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए।
ईडी और अन्य एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क को तोड़ने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के प्रयास में जुटी हैं।