नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि अडानी समूह पर अमेरिका में 2,000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के गंभीर आरोप लगे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि ऐसे गंभीर आरोपों के बावजूद गौतम अडानी को जेल में नहीं रखा गया, जबकि सरकार उन्हें बचाने का काम कर रही है।
राहुल गांधी का आरोप: “सरकार कर रही है अडानी का बचाव”
राहुल गांधी ने सीधे तौर पर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “छोटे-छोटे आरोपों पर सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, लेकिन जेंटलमैन (गौतम अडानी) पर अमेरिका में रिश्वत के हजारों करोड़ रुपये के आरोप हैं। उन्हें जेल में होना चाहिए, पर सरकार उन्हें बचा रही है।”
अडानी की गिरफ्तारी की मांग
कांग्रेस नेता ने अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई की मांग दोहराते हुए कहा कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद अडानी की गिरफ्तारी नहीं हुई। उन्होंने कहा, “आपको क्या लगता है, अडानी आरोपों को स्वीकार करेंगे? जाहिर है, वे इनकार करेंगे। लेकिन सच्चाई यह है कि इतने बड़े आर्थिक घोटाले के आरोपों के बाद भी सरकार उन्हें छूट दे रही है।”
मीडिया के सामने राहुल ने उठाए सवाल
संसद के बाहर राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में सरकार पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “जब सैकड़ों लोगों को मामूली मामलों में गिरफ्तार किया जा सकता है, तो अडानी पर लगे इतने बड़े आरोपों पर चुप्पी क्यों? अमेरिका में रिश्वत के आरोप कोई हल्की बात नहीं हैं। सरकार का रवैया साफ दिखाता है कि वह अडानी का बचाव कर रही है।”
राहुल का सरकार पर तीखा हमला
यह कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने अडानी समूह को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। इससे पहले भी संसद के अंदर और बाहर उन्होंने अडानी के कारोबारी रिश्तों को लेकर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस पार्टी ने बार-बार आरोप लगाया है कि सरकार अडानी समूह को अनुचित लाभ पहुंचा रही है और जनता के धन का दुरुपयोग हो रहा है।
क्या है मामला?
अमेरिका में अडानी समूह पर 2,000 करोड़ रुपये की रिश्वत देने के आरोपों ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों की गहन जांच और कार्रवाई की मांग की है।
राहुल की बातों का प्रभाव
राहुल गांधी के इस बयान से विपक्ष को एक नया मुद्दा मिल गया है। अडानी और मोदी सरकार के रिश्तों पर सवाल उठाकर कांग्रेस 2024 के चुनावों से पहले राजनीतिक माहौल को गरमाने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह होगा कि सरकार और अडानी समूह इन आरोपों पर क्या सफाई देते हैं।