अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा ने मनाया 76वां जन्मदिन, 1971 की जंग में निभाई अहम भूमिका

नई दिल्ली। अंतरिक्ष में कदम रखने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा ने आज, 13 जनवरी को अपना 76वां जन्मदिन मनाया। राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान सोयुज टी-11 के जरिए अंतरिक्ष में यात्रा कर इतिहास रचा। वह अंतरिक्ष में जाने वाले 128वें व्यक्ति और पहले भारतीय नागरिक थे।

राकेश शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में हुआ। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैदराबाद के सेंट जॉर्ज ग्रामर स्कूल और स्नातक की पढ़ाई निज़ाम कॉलेज से पूरी की। 1966 में वह नेशनल डिफेंस एकेडमी में एयरफोर्स कैडेट के रूप में शामिल हुए और 1970 में भारतीय वायुसेना में पायलट के रूप में कमीशन प्राप्त किया।

1971 की जंग और करियर की शुरुआत

राकेश शर्मा ने 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान मिग-21 विमान से 21 उड़ानें भरीं और महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मात्र 25 वर्ष की उम्र में वह वायुसेना के बेहतरीन पायलटों में गिने जाने लगे। 1982 में अंतरिक्ष यात्रा के लिए भारतीय वायुसेना और सोवियत संघ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित कड़े परीक्षणों में उन्होंने सफलता प्राप्त की। इसके बाद उन्हें सोवियत संघ में अंतरिक्ष मिशन की तैयारी के लिए भेजा गया।

अंतरिक्ष यात्रा का गौरव

3 अप्रैल 1984 को राकेश शर्मा ने सोयुज टी-11 के जरिए अंतरिक्ष में कदम रखा। इस दौरान उन्होंने 7 दिन, 21 घंटे और 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए। इस ऐतिहासिक यात्रा के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से संवाद किया। जब उनसे पूछा गया कि “अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?” तो उन्होंने गर्व के साथ उत्तर दिया, “सारे जहां से अच्छा।”

सम्मान और उपलब्धियां

अंतरिक्ष यात्रा से लौटने के बाद राकेश शर्मा ने भारतीय वायुसेना में जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों को उड़ाकर अपनी सेवाएं जारी रखीं। उनके अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें अशोक चक्र और सोवियत संघ के सर्वोच्च सम्मान “हीरो ऑफ सोवियत यूनियन” से सम्मानित किया गया।

राकेश शर्मा आज भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान और वायुसेना के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनका जीवन देशभक्ति, साहस और अदम्य जज्बे का प्रतीक है।

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