भोपाल । राष्ट्रीय संघर्ष समिति EPS 95 पेंशनर के प्रदेश अध्यक्ष शशि भान सिंह भदौरिया ने बताया कि समिति पिछले आठ वर्षों से EPS पेंशन वृद्धि के लिए आंदोलनरत है। भदौरिया ने कहा कि केंद्र सरकार पेंशन वृद्धि नहीं कर रही है, जबकि EPFO में हमारा अंशदान है। समिति का आरोप है कि सरकार उनके साथ छलपूर्ण व्यवहार कर रही है और उन्हें वृद्ध पेंशनर समझकर टाल-मटोल कर रही है।
केंद्र सरकार पर आरोप
EPS 95 पेंशनर समिति का कहना है कि EPFO उनके अंशदान पर कब्जा जमाए हुए है और इसका दुरुपयोग कर रहा है। समिति का आरोप है कि सरकार उन्हें भ्रम में रखकर समय निकालती जा रही है। इस बीच कई पेंशनरों का देहांत हो चुका है और उन्हें पेंशन लाभ नहीं मिल पाया है, जिससे उन्हें आर्थिक तंगी के कारण सही इलाज भी नहीं मिल सका।
चार सूत्रीय मांगें
समिति का कहना है कि वे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं, बल्कि सामाजिक सुरक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। वेतन से काटे गए अंशदान को EPFO में जमा करवाने का उद्देश्य वृद्धावस्था में धनराशि की सुरक्षा था। समिति ने चार सूत्रीय मांगें सरकार के सामने रखी हैं, जिन पर अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
आंदोलन की योजना
भदौरिया ने बताया कि समिति के कुछ पदाधिकारी 28 जुलाई को दिल्ली प्रस्थान करेंगे और मीटिंग कर आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। उन्होंने सभी पेंशनरों से अपील की है कि वे 31 जुलाई 2024 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रातः 10 बजे पहुँचकर आंदोलन को सफल बनाएं।
समर्थन की अपील
समिति ने पेंशनरों से अपील की है कि जो दिल्ली नहीं पहुँच सकते, वे दूसरे साथियों को सहयोग कर भेजें। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में जंतर-मंतर पहुँचकर अपनी पेंशन वृद्धि के लिए संघर्ष करें। “ज्येष्ठ नागरिक श्रेष्ठ नागरिक, पेंशनर पेंशनर भाई भाई। जो पेंशनर का काम करेगा वही देश पर राज्य करेगा,” समिति ने यह नारा भी दिया है।
धरना प्रदर्शन
धरना-प्रदर्शन 31 जुलाई को दिल्ली के जंतर-मंतर पर होगा, जिसमें EPS 95 पेंशनरों की पेंशन वृद्धि की मांगों को लेकर प्रदर्शन किया जाएगा। सभी पेंशनरों को इसमें भाग लेने और आंदोलन को सफल बनाने की अपील की गई है।