नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शनिवार को पूरे देश में विजयदशमी का पर्व मनाया। इस अवसर पर संघ मुख्यालय नागपुर में विशेष तैयारियां की गईं। विजयदशमी का दिन संघ के सदस्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इसी दिन 1925 में आरएसएस की स्थापना हुई थी।
शस्त्र पूजा का आयोजन
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा है, जिसके तहत संघ के सदस्य पूरे विधि-विधान से अपने शस्त्रों की पूजा करते हैं। नौ दिनों की उपासना के बाद 10वें दिन विजय की कामना के साथ शस्त्र पूजा का आयोजन किया जाता है। इस दिन शक्तिरूपा दुर्गा और काली की पूजा भी की जाती है, जो हिंदू धर्म में प्राचीन काल से चली आ रही है।
संघ का उद्देश्य
आरएसएस का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति और नागरिक समाज के मूल्यों को बनाए रखना है, साथ ही समाज सेवा और सुधार के कार्य करना है। संघ की सबसे छोटी इकाई “शाखा” होती है, जहां स्वयंसेवक प्रतिदिन शारीरिक प्रशिक्षण और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं।
संघ के शस्त्र पूजा के दौरान, सनातन धर्म के देवी-देवताओं द्वारा धारण किए गए शस्त्रों का उल्लेख करते हुए एकता और अस्त्र-शस्त्र धारण करने की प्रेरणा दी जाती है। संघ द्वारा यह कार्यक्रम हर वर्ष पूरे विधि-विधान के साथ आयोजित किया जाता है।
आरएसएस ने विजयदशमी पर शस्त्र पूजा मनाई, भागवत ने दी शुभकामनाएं, संघ की स्थापना का जश्न