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पत्नी के दुर्व्यवहार से निलंबित हुआ स्टेशन मास्टर, दंपति के झगड़े में रेलवे को करोड़ों का नुकसान, हाईकोर्ट ने दी तलाक की मंजूरी

कोर्ट ने पत्नी के इस व्यवहार को क्रूरता माना एवं पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी में हुई।

बिलासपुर: Station master suspended due to wife’s misbehavior पत्नी के दुर्व्यवहार से एक रेलवे स्टेशन मास्टर को नौकरी में निलंबन झेलना पड़ा है। पत्नी के इस तरह के व्यवहार से क्षुब्ध होकर पति ने तलाक के लिए हाई कोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने पत्नी के इस व्यवहार को क्रूरता माना एवं पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया है। मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डीबी में हुई।

याचिकाकर्ता विशाखापत्तनम निवासी स्टेशन मास्टर की 12 अक्टूबर 2011 को भिलाई के चरोदा निवासी युवती से हिन्दू रीति रिवाज से शादी हुई। 14 अक्टूबर 2011 को पति विशाखापटनम में रिसेप्शन अयोजित किया। इसमें नव व्याहता पत्नी खुश नहीं थी। रात में उसने पति को बताया, कि उसका कॉलेज के ग्रंथपाल के साथ प्रेम सम्बन्ध है, उसने प्रेमी के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया है। पति ने इस बात की जानकारी उसके पिता को दी। पिता ने अपनी बेटी को समझाया, और भविष्य में ऐसा न करने की गारंटी ली। जिस पर दोनों साथ रह रहे थे।

माइक में ओके शब्द सुनकर दे दिया सिग्नल
Station master suspended due to wife’s misbehavior एक रात पति ड्यूटी में था तब पत्नी फोन कर झगड़ा करने लगी। पति ने उसे घर आकर बात करेंगे कहा एवं अंतिम शब्द ओके कहा। माइक में ओके शब्द सुनकर साथ में काम कर रहे दूसरे स्टेशन मास्टर ने रेलगाड़ी को रवाना करने सिग्नल दे दिया, नक्सल क्षेत्र होने के कारण उस खंड में रात 10 से सुबह 6 बजे तक रेल यातायात निषेधित है। इसके कारण रेलवे को तीन करोड़ का नुकसान हुआ और पति को निलंबित कर दिया गया।

लगातार पत्नी द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर उसने तलाक के लिए विशाखापटनम परिवार न्यायालय में आवेदन दिया। तो पत्नी ने 498 के तहत पति, उसके 70 वर्षीय पिता, शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी व मौसेरा भाई बहन के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पति के आवेदन को दुर्ग न्यायालय ट्रांसफर किया गया। दुर्ग परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाई कोर्ट में याचिका लगाई।

पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाई
हाई कोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाई थी, जबकि याचिकाकर्ता की माँ का 2004 में निधन हो गया है। उसकी शादी में भाभी ने मां की सभी रस्म की है। इसके अलावा पति व उसके शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी व अन्य रिश्तेदार जो अलग रहते हैं उनके खिलाफ दहेज प्रताड़ना की झूठी रिपोर्ट लिखाई। दहेज में कब व कैसे नकद रकम दिया गया, यह नहीं बताया गया।

कोर्ट ने कहा कि पति से फोन पर झगड़ा करने व इसके कारण माइक में ओके बोलने पर सहकर्मी ने प्रतिषेधित क्षेत्र के लिए रेलगाड़ी को सिग्नल दिया। जिसके लिए पति को निलंबित किया गया। पति के परिवार वालों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई व भाभी पर अवैध संबंध होने की बात कही, यह सब पति के प्रति मानसिक क्रूरता है। हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के निर्णय को रद्द कर पति के तलाक की याचिका को स्वीकार किया है।

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