सिंधुदुर्ग । महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में महाराजा छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा बारिश और तेज हवा के चलते ढह गई। इससे लोगों में काफी नाराजगी हुई और घटिया निर्माण कार्य का आरोप लगाया। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए ठेकेदार जयदीप आप्टे और स्ट्रक्चरल कंसल्टेंट चेतन पाटिल को आरोपी बनाया है। वहीं भारतीय नौसेना ने कहा-नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की वजहों की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और पुनर्स्थापना के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम तैनात की है।
आरोपियों की कंपनी को ही शिवाजी महाराज का पुतला बनाने और लगाने का काम दिया गया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने जांच के आदेश भी दिए हैं और कहा है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा फिर से स्थापित की जाएगी। छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति ढहने के केस में स्थानीय पुलिस ने दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 109,110,125,318 और 3(5) के तहत एफआईआर दर्ज की है। वहीं इस पर नौसेना की ओर से बयान जारी किया गया है कि राज्य सरकार और संबंधित विशेषज्ञों के साथ नौसेना ने इस दुर्घटना के कारण की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और फिर से स्थापित करने के लिए लिए एक टीम की नियुक्ति की है।महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में पीएम मोदी ने ही इस प्रतिमा का अनावरण किया था। नौसेना दिवस के मौके पर 35 फीट ऊंची छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगाई गई थी। लेकिन महज आठ महीने में ही प्रतिमा ढह गई, जिसे लेकर शिवसैनिक भड़क उठे। विपक्षी दलों ने इसे लेकर सीधे सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया कि मूर्ति में घटिया मटीरियस का इस्तेमाल कियागया था और इसीलिए यह ढह गई।