दुनिया के प्रमुख तानाशाह शासक: डर और ताकत के दम पर शासन

नई दिल्ली | दुनिया में तानाशाही शासकों की कमी नहीं है, जो अपनी ताकत और भय के माध्यम से लोगों पर शासन करते हैं। आधुनिक संचार के साधनों की वजह से अब इन शासकों की क्रूरता और शासन शैली ज्यादा उजागर हो रही है। फिर भी, कई नेता अपनी सारी शक्तियों को अपने हाथों में केंद्रित करते हुए तानाशाही शासन स्थापित कर चुके हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ प्रमुख तानाशाह शासकों के बारे में।

1. व्लादिमीर पुतिन (रूस)

व्लादिमीर पुतिन का नाम तानाशाहों की सूची में अक्सर आता है। पुतिन पर रूसी नागरिकों की स्वतंत्रता को सीमित करने और विरोध की आवाजों को दबाने के आरोप हैं। वे स्वतंत्र पत्रकारिता और आलोचना को सहन नहीं करते, और बलपूर्वक विरोध को कुचलते हैं। पश्चिमी देशों की नज़र में पुतिन को तानाशाही के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

2. बशर अल-असद (सीरिया)

सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने पिछले 21 वर्षों से अपने देश पर शासन किया है। डॉक्टर से शासक बने असद ने अपने विरोधियों पर अत्याचार करते हुए सीरिया को गृहयुद्ध में धकेल दिया। उनके शासनकाल में सेना और हथियारों का इस्तेमाल कर सैकड़ों नागरिकों, पत्रकारों और नेताओं को मौत के घाट उतार दिया गया। उन पर अपने नागरिकों पर रासायनिक हमले करने के भी आरोप हैं।

3. फिदेल और राउल कास्त्रो (क्यूबा)

क्यूबा के तानाशाह फिदेल कास्त्रो और उनके भाई राउल कास्त्रो ने अपने शासन में भारी दमन किया। उन्होंने सैकड़ों असंतुष्टों, पत्रकारों और आम नागरिकों को कैद कर लिया और कई को मौत के घाट उतारा। उनके शासनकाल में क्यूबा की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि जीवन स्तर पिछले 50 वर्षों में निचले स्तर पर पहुंच गया है।

4. किम जोंग उन (उत्तर कोरिया)

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन वंशानुगत रूप से सत्ता में हैं और देश में चुनाव नहीं होते। किम जोंग उन का शासन पूरी तरह से भय और निरंकुशता पर आधारित है। वहां के नागरिकों को अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है, और सिर्फ राज्य नियंत्रित मीडिया ही जानकारी प्रदान करता है। उनकी तानाशाही के कारण देश के नागरिकों की स्थिति बेहद खराब है।

5. इसाईस अफेवेर्की (इरीट्रिया)

इरीट्रिया के राष्ट्रपति इसाईस अफेवेर्की को दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह माना जाता है। उनका शासन भय और क्रूरता से भरा है। अफेवेर्की पर मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप है। वे लगभग सभी नागरिकों को सेना में शामिल होने के लिए मजबूर करते हैं, और देश में नागरिक अधिकारों का कोई अस्तित्व नहीं है।

इन तानाशाहों के शासन में नागरिक अधिकारों की हानि, स्वतंत्रता की कमी, और भय का माहौल आम बात है। इनके नेतृत्व में देशों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर भी बुरा असर पड़ा है।

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